न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
बिहार के बाहुबली नेता आनन्द मोहन की आज सहरसा जेल से रिहाई हो गयी। आनन्द मोहन की रिहाई पर बिहार की सियासत गर्म है। इसको लेकर बिहार सरकार को सफाई देनी पड़ रही है। बिहार सरकार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जेल मैन्युअल में जो बदलाव किये गये उसके बारे में विस्तार से बताते हुए यह कहा कि जेल में बंद नेता की रिहाई में कुछ भी गलत नहीं हुआ है। उनकी रिहाई पूरी तरह नियमों के अनुसार ही हुई है। बता दें बिहार जेल मैन्युअल में जो बदलाव किये गये हैं, उसी के आधार पर आनन्द मोहन की रिहाई हुई है।
मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने यह भी कहा कि नियमों में जो भी बदलाव किया गया है, उसमें सरकार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। सभी प्रकिया को पूरा करने के बाद ही रिहाई की गयी है। मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार में नया जेल मैन्युअल 2012 लागू है। इसमें जेल में 14 साल की सजा और 20 वर्ष परिहार जोड़कर रिहाई को लेकर विचार किया जाता है। रिहाई के लिये परिहार परिषद की पिछले 6 सालों में 22 बैठकें हुईं हैं। जिसमें 1161 कैदियों की रिहाई विचार किया गया, उनमें 698 कैदियों को छोड़ने पर फैसला हुआ है।
आमिर सुबहानी ने आनन्द मोहन के बारे में स्पष्ट किया कि चूंकि वह एक राजनेता हैं, इसलिए उनको लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। आजीवन कारावास में 14 साल के बाद राज्य सरकार अपने विवेक पर कैदी की रिहाई पर विचार कर सकती है। आनन्द मोहन तो 15 वर्षों से अधिक का समय जेल में गुजार चुके हैं।
यह भी पढ़ें: बन्ना गुप्ता के टिप्पणी पर भड़के सीपी सिंह, पूछ डाले छह सवाल