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Bihar: इफ्तार के रास्ते नीतीश कुमार का लाल किला पहुंचने का सपना साकार! गिरिराज सिंह और ओवैसी की सीएम को धिक्कार!

Bihar: Nitish Kumar's dream of reaching Red Fort through Iftar comes true!

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

दिल में जो ख्वाहिश छिपी होती है, वह किसी न किसी रूप में उभर कर सामने आ ही जाती है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक पार्टी में जाना ऐसा ही इशारा कर रहा है। अभी रमजान का महीना चल रहा है। बिहार के जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर ने इफ्तार की पार्टी रखी थी। दावत-ए-इफ्तार में नीतीश कुमार भी पहुंचे। इफ्तार पार्टी में नेताओं का पहुंचना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन अभी बिहार के जो हालात चल रहे हैं, उसमें नीतीश कुमार का इफ्तार पार्टी में जाने पर सवाल उठ गये है। रामनवमी पर बिहार में हिंसा का दौर अभी थमा नहीं है, ऐसे में राज्य का मुखिया होने के कारण दावत-ए-इफ्तार में जाने पर वह विपक्षी नेताओं के निशाने पर आ गये हैं। भाजपा के केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ही नहीं, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सीएम नीतीश कुमार को घेरा है। नीतीश कुमार को घेरने की एक वजह इफ्तार पार्टी में लाल किले का वह पोस्टर भी बन गया जो पार्टी के बैक ग्राउंड में लगाया गया था।

इफ्तार पार्टी का यह मंच सीएम नीतीश कुमार के लिए विशेष तौर पर बनाया गया था। मंच लाल किले जैसा लग रहा था। इस थीम को साथ इफ्तार पार्टी से यही संदेश देने का प्रयास किया गया कि नीतीश कुमार पीएम कैंडिडेट हैं। इसी को लेकर भाजपा ने नीतीश कुमार पर तंज किया है। पहले तो बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट कर तंज कसा कि लाल किले के बैकड्राप में मौलाना टोपी पहने सीएम नीतीश बखूबी मोहम्मद बिन तुगलक लग रहे हैं। दिल्ली से दौलताबाद फिर दिल्ली यात्रा की तर्ज पर नीतीशजी ने यूटर्न- यूटर्न कर बिहार को बैक टू स्क्वायर वन पर लाया। वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा- लाल क़िला का सपना पूरा हो गया अब एफिडेविट करवा कर नाम में ही पीएम जुड़वा ले।

उधर असदुद्दीन ओवैसी ने नीतीश कुमार पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि बिहार जल रहा है। जहां दंगे हुए हैं, वहां नहीं गये, इफ्तार पार्टी करने पहुंच गये। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नीतीश सरकार दंगा रोकने में नाकाम है। वहां पर अल्पसंख्यकों की दुकान को निशाना बनाया गया, लेकिन नीतीश कुमार को दंगों का अफसोस नहीं है। वह इफ्तार पार्टी करने में मस्त हैं। देश के जिन-जिन राज्यों में दंगे हो रहे हैं, वहां की सरकारें इसके लिए जिम्मेदार हैं। वह हिंसा को रोकने में नाकाम रहीं।

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