न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बाद लालू परिवार ने आवास पर इफ्तार पार्टी आयोजित की गयी। इस इफ्तार पार्टी के राजनीतिक हलकों में सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। इसके बाद लालू के लाल तेज प्रताप की बयानबाजी ने राजनैतिक माहौल को पूरा गर्म कर दिया था। लेकिन पहले तेजस्वी यादव और फिर नीतीश कुमार ने अलग-अलग बयान देकर किसी भी अटकल पर विराम तो लगा दिया, लेकिन केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बिहार दौरे के बाद भी नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं करने को भी अलग नजरिये से देखा जा रहा है। अमित शाह आज बिहार के दौरे पर हैं, लेकिन पटना पहुंचने के बाद भी उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात नहीं की, इसको भी कल की इफ्तार पार्टी से निकल रहे आशय से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बाबू वीर कुंवर सिंह जयंती के मौके पर एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंचे हैं। यह कार्यक्रम भाजपा द्वारा आयोजित किया गया है। लेकिन जदयू ने भाजपा के कार्यक्रम से दूरी बनायी है। भाजपा द्वारा आयोजित वीर कुंवर सिंह जयंती के समारोह में शामिल होने पटना से सीधे रोहतास पहुंच गए। उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात भी नहीं की। शाह जगदीशपुर में गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 1857 के विद्रोह के नायकों में से एक, बाबू वीर कुंवर सिंह की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेंगे और फिर गया से सीधे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
इफ्तार पार्टी राजनीतिक दायरे में न देखें – नीतीश कुमार
बिहार की राजधानी पटना में वीर कुंअर सिंह की जयंती का आयोजन किया गया। पटना के कार्यक्रम में सीएम नीतीश उपस्थित हुए और वीर कुअंर सिंह की महानता का गुणगान किया। इस मौके पर जब सीएम से शुक्रवार की इफ्तार पार्टी में शामिल होने पर सवाल पूछा गया तो नीतीश कुमार ने कहा कि इसे राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। ऐसी इफ्तार पार्टियां हमेशा आयोजित होती रहती हैं और इन पार्टियों में कई लोगों को न्योता भेजा जाता है। इसका राजनीति से कोई संबंध नहीं होता। हमलोग भी इफ्तार पार्टी रखते हैं और इसमें सभी को आमंत्रित करते हैं।