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Bihar: नीतीश सरकार ने विधानसभा में पेश किया आरक्षण विधेयक, 75 फीसदी आरक्षण का है प्रावधान

Bihar: Nitish government introduced reservation bill in the assembly

जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी करने के बाद उसको जिस उद्देश्य से लाया गया था, उस को अमली जामा पहनाने का काम बिहार की नीतीश कुमार की सरकार ने आरम्भ कर दिया है। बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन नीतीश सरकार ने आरक्षण संशोधन बिल-2023 पेश कर दिया है। बिहार में सरकार के पास जो संख्या बल है, उसको देखते हुए इसको पास होने में कोई परेशानी नहीं है। विधानसभा के बाद विधेयक को विधान परिषद् में पेश किया जाएगा।

आरक्षण विधेयक में नीतीश सरकार ने क्या की है व्यवस्था?

बता दें कि विधानसभा में पेश आरक्षण संशोधन बिल में बिहार में आरक्षण कोटा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। नीतीश कैबिनेट ने बिहार में 50 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ा कर 75 प्रतिशत करने का फैसला लिया है। ऐसे तो पहले से 7 नवंबर और 8 नवंबर को ही विधेयक पेश करने की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-24 का अनुपूरक बजट 8 नवंबर को पेश करने का फैसला लिया गया और आरक्षण का बिल 9 नवंबर को लाने का फैसला किया गया।

किस राज्य में कितना है आरक्षण प्रतिशत

सुप्रीम कोर्ट का आदेश भले ही आरक्षण को 50% तक सीमित रखने का है, लेकिन चुनिंदा केन्द्र शासित राज्यों को छोड़कर इसका पालन कहीं नहीं किया गया है। यहां देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों की सूची दी गयी है और कहां कितना प्रतिशत आरक्षण है यह भी बताया गया है। इस सूची में केन्द्र शासित राज्य चंडीगढ़ में सबसे कम 27% आरक्षण है जबकि लक्षद्वीप में तो 100%

  • आंध्र प्रदेश                 60%
  • अंडमान-निकोबार      50%
  • अरुणाचल प्रदेश        80%
  • असम                        59%
  • बिहार                        60% (फिलहाल)
  • चंडीगढ़                     27%
  • छत्तीसगढ़                   69%
  • दादर और नागर हवेली  39%
  • दमन-दीव                 39%
  • दिल्ली                       59%
  • गोवा                         51%
  • गुजरात                      58%
  • हरियाणा                   53%
  • हिमाचल प्रदेश          58%
  • झारखंड                   60%
  • कर्नाटक                   60%
  • लक्षद्वीप                    100%
  • मध्य प्रदेश                 60%
  • महाराष्ट्र                     62%
  • मणिपुर                     54%
  • मेघालय                     80%
  • नगालैंड                     80%
  • ओडिशा                    59%
  • पुडुचेरी                      50%
  • पंजाब                        51%
  • राजस्थान                   59%
  • सिक्किम                    85%
  • तमिलनाडु                  69%
  • तेलंगाना                     60%
  • त्रिपुरा                         60%
  • उत्तर प्रदेश                 60%
  • उत्तराखंड                   47%
  • पश्चिम बंगाल                55%

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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