न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल प्रखंड में कीर्तिटोल आहोक घाट और विष्णुपुर आहोक पंचायत को जोड़ने के लिए बूढ़ी गंडक पर एक पुल बन रहा था, लेकिन भ्रष्टाचार का ऐसा आलम देखिये कि किसी मंत्री या नेता को नारियल फोड़ने की जहमत उठानी पड़ी यानी उद्घाटन से पहले ही पुल धराशायी हो गया। बूढ़ी गंडक नदी पर मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा इस पुल का निर्माण किया जा रहा था, लेकिन ‘भ्रष्टाचार’ का बोझ यह पुल नहीं उठा सका और शनिवार देर रात टूटकर धराशायी हो गया।
पुल गिरने के जानकारी स्थानीय लोग को सुबह लगी। भ्रमण पर निकले लोगों ने नदी में पुल को टूटकर गिरा देखा। मौके पर लोगों की भीड़ जुट गयी और लोगोंने ने हंगामा शुरू कर दिया। स्थानीय लोग पुल निर्माण में व्यापक लूट-खसोट का आरोप लगा रहे हैं। गनीमत यह रही कि हादसे में जानमाल की क्षति नहीं हुई, लेकिन इस महत्वाकांक्षी पुल के ढह जाने से स्थानीय लोगों में आक्रोश है।
बताया जा रहा है कि बूढ़ी गंडक नदी पर पुल निर्माण को लेकर लंबे समय से मांग के बाद 2012-13 में साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के तत्कालीन विधायक सह मंत्री परवीन अमानुल्लाह की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना से पुल निर्माण की स्वीकृति मिली। 1343.32 लाख की लागत से 206 मीटर लंबा उच्च स्तरीय आरसीसी पुल का निर्माण भगवती कंस्ट्रक्शन द्वारा कराया गया था।
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