न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सीमांचल के दौरे पर बिहार आ रहे हैं। दौरे से पहले ही भाजपा शासित केन्द्र सरकार ने अहसास करा दिया कि गृहमंत्री किस इरादे के साथ पूर्णिया पधार रहे हैं। ज्ञात हो कि देशभर के जिन 11 राज्यों में एनआईए ने पीएफआई के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया है, उसमें बिहार भी शामिल है। बिहार के पूर्णिया में भी एनआईए ने पीएफआई ठिकानों छापेमारी की है। अमित शाह स्पष्ट इरादे के साथ बिहार आ रहे हैं। उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए एक मजबूत आधार तैयार करना है। इसके साथ भी बिहार की कुछ समस्याएं हैं उनका भी समाधान गृहमंत्री के रूप में करना चाहते हैं। इन समस्याओं में भारत से बांग्लादेश गौवंश की तस्करी और बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ बड़ी समस्याएं हैं। अवैध घुसपैठ के कारण बिहार के सीमांचल जिलों में जनसंख्या का अनावश्यक दबाव बढ़ा है। इन दोनों समस्याओं की जड़ में कहीं न कहीं पीएफआई है। इन समस्याओं को पीएफआई को विदेशों से हो रही फंडिंग से काफी मजबूती मिल रही है। विदेशी फंडिंग की जानकारी के बाद ही एनआईए और ईडी ने देश के कई राज्यों में कल रात से लगातार छापेमारी की है। भाजपा नेता उम्मीद कर रहे हैं गृहमंत्री के सीमांचल दौरे से सीमांचल में पनप रहे अपराध, आतंकवाद और अलगाववाद को करारी चोट पहुंचेगी। गृहमंत्री के इस दौरे के बाद सीमांचल और उनके आस-पड़ोस के कई इलाकों में विकास में गति आएगी।
अमित शाह का दौरा पूरी तरह राजनीतिक
बिहार में जदयू से अलग होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं। उनके सामने भाजपा को बिहार में फिर से स्थापित करने की चुनौती तो है ही, साथ ही आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए नये समीकरण की भी उन्हें तलाश होगी। 23 और 24 सितंबर को गृहमंत्री अमित शाह बिहार में रहेंगे। इस दौरान वह एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे इसे लोकसभा चुनाव की बिहार की शुरुआत माना जा रहा है। शाह इस दौरान अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार के पदाधिकारियों से मुलाकात भी करेंगे ताकि सीमांचल की स्थिति का जायजा लिया जा सके। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद भाजपा को नये सिरे से रणनीति बनानी है, उम्मीद है शाह के दौरे से बीजेपी के ‘मिशन बिहार’ की शुरुआत हो जायेगी। इस मिशन के तहत बीजेपी की बिहार में बड़ी-बड़ी रैलियों का दौर शुरू होगा ताकि भाजपा के पक्ष में हवा बनायी जा सके। गृहमंत्री पूर्णिया में 23 सितंबर को होने और 24 सितंबर को किशनगंज में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। बीजेपी गृह मंत्री अमित शाह के जरिए महागठबंधन के गढ़ में सेंध लगाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित कर रही है। अमित शाह के इस दौरे को लेकर बिहार भाजपा में खाता उत्साह है।
40 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य
2019 में हुए जब आम चुनाव हुए थे तब बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर एनडीए ने जीत हासिल की थी। तब एनडीए में भाजपा, जदयू और लोजपा साथ थे। जेडीयू ने 16 सीटें जीती थी। जदयू के अलग हो जाने से एनडीए को 16 सीटों का नुकसान हो चुका है। अब वर्तमान में चिराग पासवान की पार्टी को जोड़ लेने पर एनडीए के पास कुल 23 सीटें रह जाती हैं। 2024 के लिए नीतीश कुमार के बिना भी बीजेपी ने 35 सीटों का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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