न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
आखिरकार महसा अमीनी की कुर्बानी रंग लायी है। दो महीने पहले अमीनी की मौत के बाद से ईरान में हिजाब से आजादी के लिए संघर्ष में सैकड़ों जानें भी चली गयी हैं। लेकिन अब ईरान की सरकार घुटनों के बल पर आ गयी है। अब वह हिजाब पर कानून बनाने पर विचार करने को तैयार है। 16 सितम्बर को महसा अमीनी की मौत के बाद से चल रहे जबर्दस्त आन्दोलन के आगे ईरान सरकार ने नरम रुख अख्तियार करना ही उचित समझा है।
ईरान में पिछले दो महीने से जारी आंदोलन में सैकड़ों लोगों की जानें जा चुकी है। लेकिन सुरक्षा बलों के जुल्मों के आगे उन्होंने हार नहीं मानी। पहले इस आन्दोलन में सिर्फ महिलाएं ही शामिल थीं, लेकिन बाद में पुरुष भी उनकी मांग को जायज मानते हुए उनके साथ हो लिये। फिर भी हिजाब कानून को जबरन मनवाने में ईरानी हुकूमत ने कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी थी। मगर सरकार अब हिजाब कानून पर विचार करने को तैयार हो गई है।
ईरान के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि ईरान की संसद और न्यायपालिका हिजाब को जरूरी बनाने वाले कानून की समीक्षा कर रही है। माना जा रहा है कि ईरान में चल रहे आन्दोलन को विश्वव्यापी समर्थन मिल रहा था और ईरान की लगातार आलोचना हो रही थी। लगता है इससे घबराकर सरकार ने हथियार डालना ही बेहतर समझा।
300 से अधिक लोगों की अब तक हो चुकी है मौत, 14 हजार गिरफ्तारियां
पिछले दो महीने से चल रहे हिजाब के खिलाफ आन्दोलन में अब तक 300 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं। यह आंकड़ा सरकारी है, जबकि मानवाधिकार इस आंकड़े को 448 बता रहा है। इतना ही नहीं, प्रदर्शन को कुचलने के लिए सरकार ने बल प्रयोग करते हुए 14 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया है। जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: IPL 2023 में अब 11 नहीं 12 खिलाड़ी खेलेंगे, BCCI ने जारी किया ‘इम्पैक्ट प्लेयर रूल’