झारखंड में उत्पाद सिपाही भर्ती के दौरान हुई मौत को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कई अभ्यर्थियों के वीडियो भी सामने आये हैं, जो बता रहे है कि मौत के आंकड़े कम हो सकते थे, अगर प्रशासन ने सक्रियता दिखायी होती। अभ्यर्थियों का दावा है कि वो मदद की गुहा लगाते रहे, लेकिन उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आयी। अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है। इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं।
वहीं प्रशासन मौत की वजह को लेकर कई दावे कर रहे हैं। ऐसे ही एक मृतक युवक अरुण कुमार का मौत से पहले का वीडियो सामने आया है, जिसमें उसने बताया कि जब वह बेहोश हो रहा था तो मदद मांगने के बावजूद कोई अधिकारी बचाने नहीं आया. उसने यह भी कहा कि दौड़ से पहले कोई दवा नहीं ली थी।पलामू में दौड़ के दौरान अरुण कुमार नामक एक होनहार युवा अचानक बेहोश होकर गिर पड़ा।
उन्हें तत्काल मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. हालत बिगड़ने पर उन्हें रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया. परिवार की इच्छा पर उन्हें मेदिनीनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां 30 अगस्त को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अरुण कुमार की मौत से ठीक पहले का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह बता रहे हैं कि उन्होंने कोई नशा नहीं किया था और न ही कोई दवा खाई थी।
वीडियो में अरुण यह भी कहते दिख रहे हैं कि जब उनकी तबीयत खराब हुई, तो उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली. यह वीडियो प्रशासनिक लापरवाही की ओर इशारा करता है, जो इस दुखद घटना का मुख्य कारण हो सकता है।
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