Mission 2047of PFI: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया पटना दौरे के दौरान राजधानी में बड़ी साजिश को पुलिस ने नाकाम कर अब तक चार संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार भी किया गया, जिनकी पहचान अतहर परवेज और जलालुद्दीन के तौर पर हुई है. इस गतिविधि में शामिल तीसरे शख्स अरमान मलिक की भी गिरफ्तारी हो चुकी है. इन गिरफ्तार संदिग्धों से ATS पूछताछ कर रही है . अब तक जो खुलासे सामने आए वो सन्न करने वाले हैं.
तीसरे गिरफ्तार शख्स अरमान मलिक की तस्वीर
अबतक 8 हजार युवाओं को PFI से जोड़ चुका है
पटना से गिरफ्तार आतंकी मो. जलालुद्दीन के बारे में बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासे से यह बात सामने आ रही है कि अबतक 8 हजार युवाओं को मो. जलालुद्दीन PFI से जोड़ चुका है.(Mission 2047of PFI) झारखण्ड में जब वह पुलिस की नौकरी पर था तब उसपर धनबाद, गोड्डा और हजारीबाग में ड्यूटी के दौरान सांप्रदायिक पक्षपात का आरोप लगा था.
बिहार के 30 जिलों तक संगठन की पकड़ मजबूत
मो. जलालुद्दीन संगठन के विस्तार के लिए रांची और हजारीबाग का भी दौरा कर चुका है. झारखंड पुलिस के यह रिटायर दारोगा ड्यूटी के दौरान यौन शोषण का भी आरोपी रहा है. ड्यूटी के दौरान एक युवक के सिम कार्ड के दुरुपयोग करने का भी उसपर आरोप लगा था. मो. जलालुद्दीन की धनबाद, हजारीबाग, कोडरमा और गोड्डा में पोस्टिंग रही. अब आतंकियों के बैंक अकाउंट का डिटेल्स पुलिस खंगाल रही है.
बतौर आरक्षी शुरू की थी पुलिस की नौकरी
पटना में पीएफआई व अन्य आतंकी संगठनों के सांठगांठ के आरोप में गिरफ्तार रिटायर्ड दरोगा मो जलालुद्दीन खान की बहाली 22 जनवरी 1982 को पटना में बतौर आरक्षी हुई थी. बहाली के बाद दस सालों तक जलालुद्दीन पटना में ही रहा. चार जनवरी 1992 को पटना से आरक्षी के पद पर ही मो जलालुद्दीन खान का तबादला गोड्डा जिले में हो गया. तब से लगातार वह झारखंड के इलाके में ही रहा. 30 अप्रैल 2021 को वह गिरिडीह जिले से रिटायर हुआ. रिटायरमेंट के ठीक पहले तक जलालुद्दीन की पोस्टिंग गिरिडीह के नक्सल प्रभाव वाले भेलवाघाटी थाना में दारोगा के पद पर रही थी.
रांची में रहते हुए ही एएसआई में जलालुद्दीन को प्रोन्नति मिली
गोड्डा जिले में 14 दिसंबर 1992 को आरक्षी के पद पर योगदान देने के बाद जलालुद्दीन यहां 6 सितंबर 2008 तक तैनात रहा. इसके बाद उसकी पोस्टिंग रांची में आरक्षी के तौर पर ही हुई. रांची में वह 13 सितंबर 2008 से 17 मई 2010 तक पदस्थापित रहा. रांची में रहते हुए ही एएसआई में जलालुद्दीन को प्रोन्नति मिली, इसके बाद वह हजारीबाग में बतौर एएसआई पदस्थापित हुआ.