Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस पार्टी अपने आपको और राहुल गांधी को चमकाने में जी-जान से जुटी हुई है। इसको लेकर पिछले साल भारत जोड़ा यात्रा की शुरुआत की थी। जिसका फायदा कांग्रेस को कर्नाटक के चुनाव में नजर आया था। अब वैसा ही फायदा आने वाले चुनावों में वह लेना चाह रही है। इसको लेकर एक और भारत जोड़ो यात्रा के लिए पार्टी ने कमर भी कस ली है। पार्टी का मकसद आने वाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने के साथ मिशन 2024 भी है। मिशन 2024 में कांग्रेस अपने 26 पार्टियों के कुनबे के साथ मोदी सरकार को सत्ता से अपदस्त करने पर उतारू है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दूसरे चरण की शुरुआत महात्मा गांधी के गुजरात से होगी और उम्मीद है कि यात्रा बापू के जन्मदिन 2 अक्टूबर से हो सकती है। कांग्रेस इसकी तैयारी कर रही है। कांग्रेस की नजरें आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों पर तो है ही, साथ ही उत्तर, मध्य और पश्चिम भारतीय राज्यों को भी अपने प्रभाव में लेने का है। हालांकि, यात्रा के तारीख और रूट को लेकर कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर अभी कुछ नहीं कहा है।
पोरबंदर से कांग्रेस कर सकती है यात्रा की शुरुआत
जैसा कि अनुमान है कि राहुल गांधी 2 अक्टूबर से भारत जोड़ा यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत कर सकते हैं। कांग्रेस की यह यात्रा गुजरात के पोरबंदर से हो सकती है। भले ही अभी यात्रा का कोई रूट मैप तैयार नहीं किया गया है, लेकिन इसका समापन अरुणाचल प्रदेश के लोहित जिले के परशुराम कुंड में किये जाने का अनुमान है। रूट मैप को लेकर पार्टी का मंथन अभी जारी है।
यात्रा के चुनावी राज्यों से ही गुजरने का अनुमान
यह तो जाहिर है कि भारत जोड़ो यात्रा का मकसद चुनावी फायदा उठना है तो यात्रा का मार्ग भी चुनावी राज्य होंगे। यानी यात्रा एक बार फिर राजस्थान और मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगी। ये दोनों राज्य भाजपा के लिए ही नहीं, कांग्रेस के लिए काफी अहम राज्य हैं। वैसे मीडिया सर्वे ने दोनों राज्यों को भाजपा के पक्ष में जाते हुए दिखा दिया है। इसलिए कांग्रेस का इन दोनों राज्यों पर विशेष फोकस होगा। राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान, मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और मिजोरम से भी गुजरेगी। इनमें से छत्तीसगढ़ भी कांग्रेस के लिए अहम है। वैसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासन में विकास और भ्रष्टाचार दोनों चर्चा में रहे हैं। इसमें कोई संदेश नहीं है कि भूपेश बघेल के शासनकाल में राज्य में विकास के कई कार्य हुए हैं। लेकिन घोटालों की भी बाढ़ उनके राज में आयी है। जिस पर जांच एजेंसियों की पैनी नजर लगी हुई है। देखा जाये तो इस रूट में तेलंगाना भी पड़ सकता है, लेकिन यह कांग्रेस पर निर्भर है कि उसका यात्रा इस राज्य से गुजरेगी या नहीं। अगर राहुल गांधी की यात्रा इस राज्य से होकर नहीं गुजरती है तो यह कांग्रेस की बड़ी राजनीतिक भूल होगी। क्योंकि भाजपा कर्नाटक का एकलौता दक्षिण भारतीय राज्य गंवाने के बाद तेलंगाना पर नजरें टिकाये हुए है। यहां फिलहाल मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली भारत राष्ट्र समिति की सरकार है।
पूर्वोत्तर पर भी कांग्रेस की रहेगी नजर?
कांग्रेस की इस यात्रा में पूर्वोत्तर राज्य विशेषकर अरुणाचल, असम, मिजोरम, मणिपुर हो सकते हैं। वैसे भी मणिपुर इस समय राजनीतिक दलों के लिए कुश्ती का अखाड़ा बना हुआ है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से इसकी योजना को लेकर औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया था। अभी इतना ही तय है कि भारत जोड़ा यात्रा पार्ट 2 की शुरुआत होगी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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