रांची 9 मई. पूर्व मंत्री, झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की (Bandhu Tirkey) ने कहा है कि बिना किसी राजनीतिक भेदभाव, किसी भी पूर्वाग्रह और किसी को अवांछित लाभ पहुँचाये बिना झारखण्ड विशेषकर राजधानी रांची में हुए सभी जमीन घोटालों की गहराई से जांच होनी चाहिये. उन्होंने (Bandhu Tirkey) कहा कि चाहे सरकार कोई भी रही हो, लेकिन अबतक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जाँच में जिस प्रकार के साक्ष्य सामने आये हैं, उससे यह जाहिर है कि उच्च पदों पर बैठे हुए अनेक अधिकारियों ने जमीनी दस्तावेजों में आपराधिक छेड़छाड़ की और ज़मीन घोटालों को अंजाम देकर झारखण्ड के साथ ही झारखंडियों को लूटा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके कारण सबसे ज्यादा नुकसान झारखण्ड विशेषकर रांची के आदिवासियों एवं मूल निवासियों को ही उठाना पड़ा है.
संदेहास्पद ज़मीन सौदों की जांच स्वागत योग्य कदम, लेकिन..
श्री तिर्की (Bandhu Tirkey) ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा झारखण्ड के अनेक जमीन घोटालों और संदेहास्पद ज़मीन सौदों की हो रही जाँच स्वागत योग्य कदम है और प्रत्येक राजनीतिक नेता एवं सभी लोगों को इसका समर्थन करना चाहिये. न्होंने कहा कि, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी जमीन मामलों में घोटालों की जांच, ज़मीन के दस्तावेजों में छेड़छाड़ आदि की चर्चा होती है तो यह सेलक्टिव नहीं होना चाहिये और कोई भी व्यक्ति चाहे जितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, समान रूप से सभी की संदेहपूर्ण गतिविधियों को देखा जाना चाहिये.श्री तिर्की (Bandhu Tirkey)ने कहा कि झारखण्ड में ज़मीन घोटालों की जड़ बरसों बरस पहले से मिलती है लेकिन अबतक की जाँच में केवल पिछले दो-तीन साल के मामलों को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है और यह ज़मीन जैसे गंभीर आपराधिक मामले के साथ निष्पक्षता नहीं कही जा सकती. श्री तिर्की ने कहा कि, कुल मिलाकर ईडी की जाँच स्वागत योग्य कदम है लेकिन अबतक जाँच की दशा-दिशा से ऐसा लगता है कि इस तरह से जाँच होने से वैसे लोग साफ बच निकल सकते हैं जिन्होंने बरसों-बरस से, विशेष रूप से झारखण्ड गठन के बाद अनेको वैसे कारनामे किये जिसका खामियाजा आजतक आदिवासियों एवं मूल निवासियों को उठाना पड़ रहा है.
‘सीएनटी एक्ट का व्यापक स्तर पर उल्लंघन हुआ’
श्री तिर्की ने कहा कि, छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) का पिछले अनेक वर्षों में व्यापक स्तर पर उल्लंघन हुआ है और ईडी को गहराई से इसकी जांच करनी चाहिये. उन्होंने कहा कि, यदि निष्पक्षता के साथ झारखण्ड के ज़मीन मामले पर और ज़मीन दलालों के साथ मिलकर अनेक शीर्ष अधिकारियों द्वारा की गयी कारस्तानियों के साथ ही इसमें शामिल सफेदपोश लोगों की मिलीभगत की जांच हो तो यह कदम झारखण्ड के सभी लोगों विशेष रूप से आदिवासियों के हित में होगा.
“ज़मीन घोटालों का सीधा दुष्प्रभाव पड़ा है”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि, ज़मीन घोटालों का सीधा दुष्प्रभाव न केवल झारखण्ड के आम सामाजिक जीवन पर पड़ा है, बल्कि झारखण्ड का पर्यावरण, मौसम, व्यापारिक एवं औद्योगिक वातावरण और सामाजिक शांति भी प्रभावित हुई है और पूरे समाज में अपराध की घटनाएं बढ़ी है. श्री तिर्की ने कहा कि ज़मीन के अवांछित व्यवहार और वैसे लेन-देन का सबसे घातक प्रभाव झारखण्ड के समाज और यहाँ आम लोगों की जन जीवन पर पड़ा है क्योंकि अब आम लोगों के लिए पैसा कमाने का यह सबसे आसान माध्यम बन गया है और थोड़े-से लालच में झारखण्ड के अनेक लोग सही मायने में एक आपराधिक समूह बनाकर तुरंत-फुरत पैसा कमाने के चक्कर में अपनी कर्मठता, बुद्धिमता और झारखण्डी जनजीवन के सामान्य आचार-व्यवहार को भी भूल चुके हैं.
‘उच्चस्तरीय आयोग का गठन हो’
श्री तिर्की ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी माँग की है कि सरकार अपने स्तर से एक उच्चस्तरीय आयोग का गठन कर झारखण्ड के सभी जमीन मामलों, विशेष रूप से पिछले 20 साल से हुए सभी सौदों की गहराई से जांच करवाने का आदेश दे. श्री तिर्की ने कहा कि सीएनटी एक्ट का छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) का व्यापक स्तर पर उल्लंघन हुआ है और इसका खामियाजा केवल और केवल आदिवासियों को ही उठाना पड़ रहा है जिसके कारण उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति बेहद ख़तरनाक और चिन्ताजनक होती जा रही है.
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