सरायकेला : जिले के आरआईटी थाना में पदस्थापित एएसआई शुभंकर कुमार ने पुलिस अधीक्षक (एसपी), डीआईजी और डीजीपी के खिलाफ न्यायालय में मामला दर्ज कराने के लिए तीन दिन का आकस्मिक अवकाश मांगा है. उनके इस कदम से पूरे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है. शुभंकर ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों पर “शोषण” और “मनमाने रवैये” का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है. शुभंकर कुमार ने दावा किया है कि वर्ष 2024 में उन्हें आकस्मिक अवकाश (CL) और क्षतिपूर्ति अवकाश (CPL) का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी गई. कई बार आवेदन करने के बावजूद उनके अवकाश अनुरोध अस्वीकार कर दिए गए. अवकाश न मिलने के कारण वह मानसिक तनाव (डिप्रेशन) से जूझ रहे हैं. शुभंकर ने अपने छुट्टी के बदले क्षतिपूर्ति की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. शुभंकर ने 3 जनवरी 2025 से तीन दिन का अवकाश मांगा है ताकि वह रांची उच्च न्यायालय में न्याय की गुहार लगा सकें.
उन्होंने अपने आवेदन में स्पष्ट किया कि यह केवल उनका व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि विभाग के कई कर्मी इसी तरह के शोषण का सामना कर रहे हैं. शुभंकर ने कहा कि मैंने कई पारिवारिक अवसरों जैसे बेटे के जन्मदिन, काली पूजा, और भतीजी की शादी के लिए छुट्टी मांगी थी, लेकिन हमेशा अस्वीकार कर दी गई. मेरी छुट्टियां बर्बाद हो गईं और मुआवजा भी नहीं मिला. यह शोषण का एक बड़ा उदाहरण है. वहीं एसडीपीओ समीर कुमार सवैया ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह गंभीर विषय है. हमें इसकी जानकारी हाल ही में मिली है, और हम इसकी जांच करेंगे. अब तक ऐसा कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया था. एएसआई शुभंकर का यह कदम पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बन गया है. वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय जाने के लिए अनुमति मांगने का यह दुर्लभ मामला विभागीय प्रक्रियाओं और कर्मचारियों के अधिकारों पर सवाल खड़ा करता है. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है और शुभंकर कुमार का यह प्रयास न्यायालय में क्या परिणाम लाता है. इस प्रकरण ने पुलिस कर्मियों के अधिकारों और कार्यस्थल की पारदर्शिता पर नई बहस छेड़ दी है.