न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
भारतीय सुरक्षाबलों ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर के उरी से एक आतंकी को गिरफ्तार पर पाकिस्तानी मंसूबों को नाकाम किया है। पाकिस्तान ने इस आतंकी को हथियारों के साथ भारत में आतंक फैलाने के लिए भेजा था, लेकिन यह भारतीय सेना के हत्थे चढ़ गया। पकड़े गए आतंकी अली बाबर ने कई राज उगले हैं। उसके कुबूलनामे से पाकिस्तान की नापाक साजिश का खुलासा होता है। हालांकि पूछताछ में अली बाबर यही कहता रहा कि वह पाकिस्तान से हथियारों की आपूर्ति करने भारत आया था।
आईएसआई ने पैसे दिये और आतंकी कैम्प में प्रशिक्षण
अली बाबर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा का रहने वाला है। इसकी आयु महज 19 साल है। इतनी कम उम्र में उसने आतंकी प्रशिक्षण भी ले रखा है। अली बाबर का यह कुबूलनामा कि भारत आने के लिए आईएसआई ने उसे रुपयों का प्रलोभन दिया था, एडवांस में उसे 20 हजार रुपये और उसके परिवार को 30 हजार रुपये दिये थे, साथ ही पाकिस्तानी सेना ने उसे आतंकी प्रशिक्षण भी दिया है, पाकिस्तान की करतूतों की पोल खोलने के लिए काफी है।
जानकारी के अनुसार, बाबर ने पाकिस्तान के गढ़ी हबीबुल्लाह में आतंकी प्रशिक्षण लिया था। बाबर को पट्टन इलाके में हथियार पहुंचाने का काम मिला था। हालांकि, यह भी हो सकता है कि बाबर का काम केवल हथियार पहुंचाने तक सीमित ना हो और वह किसी बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम देने की योजना का हिस्सा हो।
10 दिन एक नाले में छुपा रहा अली बाबर
सुरक्षाबलों ने जब अली बाबर को गिरफ्तार किया था तब कहा गया था कि यह आतंकी 10 दिन से उरी सेक्टर के पास मौजूद एक नाले में छिपा हुआ था। इसे ढूंढकर जिंदा पकड़ा गया। सुरक्षाबलों ने बाबर को लश्कर ए तैयबा का आतंकी बताया है। उसके पास से AK-47 राइफल और चीन-पाकिस्तान निर्मित कई ग्रेनेड मिले हैं। अभियान के दौरान एक आतंकवादी मारा भी गया था, वहीं तीन भारतीय सैनिक जख्मी हो गये थे।
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