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Anand Mohan News: रात के अंधेरे में आनंद मोहन की जेल से हुई रिहाई, जी कृष्णैया की पत्नी-बेटी बोलीं-बहुत दुख हुआ

Anand Mohan News: पूर्व सांसद आनंद मोहन को बिहार की सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया है. गुरुवार सुबह 4:30 बजे इस बाहुबली को जेल से रिहा किया गया. आनंद मोहन (Anand Mohan) को दोपहर बाद एक बजे रिहा किया जाना था, लेकिन भीड़ के अंदेशे और सुरक्षा की वजह से औपचारिकता पूरी करने के बाद उन्हें तय वक्त से पहले ही रिहा कर दिया गया. उधर रिहाई को लेकर पटना हाईकोर्ट में PIL दायर कर दी गई है.

जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी पद्मा ने फिर से विरोध किया

रिहाई (Anand Mohan) के बाद गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी पद्मा ने फिर से विरोध किया है. दिवंगत आइएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने बाहुबली नेता को रिहा करने के फैसले को अनुचित बताया है.  पत्नी उमा देवी ने कहा कि उन्हें रिहा करना गलत फैसला है. जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेगी.  सीएम नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए. दोनों ने एक स्वर में कहा कि आनंद मोहन (Anand Mohan)  का छूटना हमारे लिए दुख की बात है. बिहार सरकार के इस फैसले के खिलाफ हमलोग अपील करेंगे. वहीं आंध्र प्रदेश के IAS एसोसिएशन ने भी आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई पर आपत्ति जताई है और बिहार सरकार से रिहाई के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है.जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने भी आनंद मोहन की रिहाई पर दुख जताते हुए कहा कि आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.

ख़ुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता- लवली आनंद 

वहीँ आनंद मोहन की पत्नी ने रिहाई पर कहा कि ख़ुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. सभी लोगों की शुभकामनाओं का प्रतिफल है कि एक निर्दोष जो 15 साल जेल में बिता दिए, अब बाहर निकले हैं.

आनंद मोहन पर क्या है आरोप?

आपको बता दें कि भीड़ की पिटाई के बाद DM जी कृष्णैया को गोली मारी गई थी. आनंद मोहन के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन में गोली मारी गई थी. इस दौरान आनंद मोहन पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा था. इसके बाद गोपालगंज के तत्कालीन DM की हत्या में आनंद मोहन को सजा हुई थी. 2007 में पटना HC ने आनंद मोहन को दोषी ठहराया था. हाईकोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी. इसके बाद 2008 में हाईकोर्ट ने सजा को उम्र कैद में तब्दील किया था. 14 साल से पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह जेल में बंद हैं.

जेल मैन्युअल के नियम में बदलाव किया गया 

आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जेल मैन्युअल में बदलाव किया गया. ‘एक लोक सेवक की हत्या’ के जिक्र को अब हटा दिया गया है. इतना ही नहीं सरकारी सेवक की हत्या भी अपवाद की श्रेणी से हटा दी गई है. यानि इस बदलाव के बाद लोक सेवक की हत्या साधारण हत्या ही मानी जाएगी.

 ये भी पढ़ें : Jharkhand: अधिवक्ता राजीव कुमार और कारोबारी अमित अग्रवाल पर आरोप गठित

 

 

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