आधी दुनिया पर छाया डेल्टा प्लस का संकट, सिडनी में मची तबाही, भारत में कप्पा वेरिएंट का नया संकट
दुनिया अभी कोरोना के संकट से मुक्त नहीं हो पायी है। इस समय दुनिया के सामने डेल्टा प्लस नामक महासंकट मंडरा रहा है। Delta Plus के खतरे के बीच कप्पा वेरिएंट ने पसारे पांव, बढ़ता संक्रमण नये संकट का दे रहा संकेतने आधी दुनिया को अपनी गिरफ्त में तो ले ही लिया है, लेकिन खतरा पूरी दुनिया पर बना हुआ है। डेल्टा वेरिएंट का इस समय सबसे अधिक आस्ट्रेलियाई शहर सिडनी पर पड़ा है। दूसरी तरफ, भारत का संकट भी कम नहीं है। देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले कमजोर हो चुकी है, लेकिन एक के बाद एक लगातार मिल रहे कोरोना के नये वेरिएंट बता रहे हैं कि कोरोना अभी कमजोर नहीं पड़ा है।
कोरोना का एक नया वेरिएंट कप्पा (Kappa) देश को डराने लगा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट कप्पा का दूसरा केस सामने आया है जिसकी वजह से विशेषज्ञों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेरिएंट घातक साबित हो सकता है। देशभर में कप्पा (Kappa) वेरिएंट के अब तक 19 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 11 मामले राजस्थान से हैं। कप्पा (Kappa) वेरिएंट के बढ़ते मामले कहीं तीसरी लहर के संकेत तो नहीं हैं? वैसे विशेषज्ञ पहले ही आगाह कर चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर अगस्त से शुरू हो सकती है।
शुरुआत उत्तर प्रदेश से , सबसे प्रभावित राजस्थान
भारत में कप्पा वेरिएंट का पहला केस उत्तर प्रदेश में सामने आया है। मरीज के जीनोम सिक्वेसिंग की जांच में इस वेरिएंट की पुष्टि हो चुकी है। विशेषज्ञ बता रहे हैं कि कप्पा वेरिएंट डेल्टा वायरस का ही बदला स्वरूप है, जो डेल्टा प्लस(Delta Plus) की तरह खतरनाक है। गोरखपुर और देवरिया में जिन दो मरीजों में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। उनमें अब कप्पा वेरिएंट होने की बात कही जा रही है। लेकिन इस समय कप्पा वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राजस्थान है जहां इस वेरिएंट से संक्रमित 11 मरीजों सामने आये हैं। 4-4 अलवर और जयपुर, दो बाड़मेर से और एक भीलवाड़ा से हैं।
डेल्टा के बाद UP में अब मिला कोरोना का कप्पा वैरिएंट, जानें इसके लक्षण
कोरोना का कप्पा वैरिएंट (बी.1.167.1) पहली बार भारत में ही पाया गया था। अक्टूबर 2020 में पाये गये इस वेरिएंट को विशेषज्ञ एक डबल म्यूटेंट स्ट्रेन मान रहे हैं। इस समय भारत के अलावा ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में कप्पा वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़ने की खबर है। इसकी जटिल प्रकृति को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने इसे “वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” के रूप में वर्गीकृत किया है।
कप्पा (Kappa) वेरिएंट की घातक प्रकृति
शोध में कप्पा वैरिएंट की एक घातक प्रकृति सामने आयी है। प्राकृतिक संक्रमण और वैक्सीन, दोनों से बनी प्रतिरक्षा को मात देने की क्षमता इस वेरिएंट में है। यही कारण है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वैरिएंट को बेहद संक्रामक और खतरनाक माना है।
कप्पा (Kappa) वेरिएंट के लक्षण
कोरोना वायरस के कप्पा वेरिएंट से पीड़ित व्यक्ति में कोरोना की ही तरह खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राइमरी लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वहीं, गंभीर लक्षण कोरोना वायरस के अन्य म्यूटेंट्स के लक्षण की ही तरह होंगे। हालांकि इस वैरिएंट विस्तृत शोध अभी जारी है।

Delta Plus की तरह खतरनाक है कप्पा (Kappa) वैरिएंट
कप्पा वेरिएंट डेल्टा वायरस का ही बदला स्वरूप है, इसलिए यह डेल्टा प्लस की तरह ही खतरनाक भी है। डेल्टा प्लस जहां भारत में वैरिएंट ऑफ कंर्सन घोषित किया गया है वहीं कप्पा वैरिएंट को डब्लूएचओ ने वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित कर चुका है।
सिडनी डेल्टा वेरिएंट से हुआ तबाह
भारत कोरोना के डेल्टा, डेल्टा प्लस, कप्पा वेरिएंट से जूझ रहा है, वहीं आस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा शहर सिडनी डेल्टा वेरिएंट से पूरी तरह तबाह है। सिडनी में डेल्टा वेरिएंट के मामले इतने बढ़ गये हैं कि यहां दो सप्ताह का लॉकडाउन लगाना पड़ गया है। सिडनी में डेल्टा वेरिएंट के मामले तीन गुने बढ़ गये हैं। लॉकडाउन लगने के बाद सिडनी की सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं।
कोरोना के मामलों में अचानक से वृद्धि सिडनी के लिए चिंताजनक है। सिडनी हवाई अड्डे से एक क्वारंटीन होटल में ले जाए गए एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान दल के 80 से अधिक लोगों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। कुछ महीनों से सिडनी कोरोना की स्थिति सामान्य होती जा रही थी, मगर डेल्टा वेरिएंट ने उसके संकट को अब कई गुणा बढ़ा दिया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि कोरोना पर काबू पाने में ऑस्ट्रेलिया सफलतम देशों में से एक रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि देश की आबादी 25 मिलियन है, लेकिन 30 हजार लोगों को कोरोना छू सका। पूरे देश में मात्र 910 लोगों की कोरोना से मौत हुई है।
डेल्टा वेरिएंट : आधी दुनिया संकट में, खतरा पूरी दुनिया पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेबरेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कोविड-19 का नया वेरिएंट ‘डेल्टा’ (Delta variant) के खतरे से पूरी दुनिया को आगाह किया है। डेल्टा वेरिएंट 104 देशों तक पहुंच चुका है, लेकिन इसके जल्द ही पूरी दुनिया में फैल जाने की आशंका है। आशंका यह भी है कि यह सबसे हावी वेरिएंट बनेगा।
डेल्टा बिना वैक्सीनेशन वालों के लिए अधिक खतरनाक WHO प्रमुख ने कहा, खासतौर पर ये वेरिएंट उन लोगों को संक्रमित कर रहा है, जो वैक्सीनेटेड नहीं हैं। इस वजह से स्वास्थ्य सिस्टम पर दबाव बढ़ रहा है। जिन मुल्कों में वैक्सीनेशन की दर बेहद कम है, वहां हालात खराब हो सकते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि डेल्टा वेरिएंट अधिक संक्रामक है, इसलिए इससे बचना बेहद जरूरी है।
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