अमेरिका को उम्मीद- पीएम मोदी के रूस दौरे से निकलेगा यूक्रेन समस्या का हल

America hopes that PM Modi's visit to Russia will solve the Ukraine problem

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस समय रूस की राजनयिक यात्रा पर हैं। पीएम मोदी की इस यात्रा पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं। अमेरिका भी पीएम मोदी की इस यात्रा को काफी गौर से देऱ रहा है। न सिर्फ देख रहा है, बल्कि इस यात्रा से वह उम्मीदें भी लगा रहा है। अमेरिका की यह उम्मीदें यूक्रेन युद्ध की समस्या को लेकर हैं। अमेरिका को उम्मीद है कि भारतीय पीएम की रूस यात्रा से यूक्रेन समस्या का हल भी निकल सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की अपनी दो दिवसीय इस यात्रा पर हैं। पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है जब एक तरफ नाटो की बैठक चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ गाजा में इजरायल और हमास के बीच जंग छिड़ा है। रूस और यूक्रेन युद्ध के तीन साल गुजर चुके हैं। ऐसे में अमेरिका की तरफ से पीएम मोदी से एक खास अपील की गई है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हमने हंगरी के प्रधानमंत्री पीएम ओर्बन की तरह पीएम मोदी को राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिलते देखा। हमें लगता है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। रूस के साथ बातचीत करने वाले किसी भी देश की तरह हम भारत से भी आग्रह करेंगे, यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो और जिसमें उसके साथ संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं शामिल हों।

बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन के साथ संघर्ष शुरू होने के बाद से अमेरिका भारत पर रूस के साथ अपने संबंध तोड़ने का दबाव बनाता रहा है। भारत ने रूस के साथ अपने दीर्घकालिक संबंधों और अपनी आर्थिक जरूरतों का हवाला देते हुए दबाव का विरोध किया है। हालांकि भारत ने अमेरिका की ऐसी अपील को हमेशा नजरअंदाज किया है, जिससे भारत, पीएम मोदी की कद्र रूस और विशेषकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन की नजरों में काफी बढ़ी है। हालांकि इसका तात्पर्य यह नहीं है कि भारत यूक्रेन समस्या का समाधान नहीं चाहता। भारत ने हमेशा कहा है कि रूस और यूक्रेन युद्ध का हल बातचीत से निकलना चाहिए। हाल ही में पीएम मोदी ने जी7 की बैठक में मेहमान के तौर पर इटली की यात्रा की थी। इस यात्रा के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी उनकी मुलाकात हुई थी। जिसमें उन्होंने बातचीत के जरिये ही संघर्ष का समाधान निकालने की सलाह दी थी।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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