Agniveer: शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में तीन सेनाओं के प्रमुखों सहित देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों रक्षा सेवाओं में सैनिकों को भर्ती करने की नई ‘अग्निपथ'(Agnipath) भर्ती योजना के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि देश की तीनों सेनाओं में जवानों की भर्ती के लिए शीर्ष सैन्य अधिकारी नई योजना बना रहे हैं।
बदल जाएगी इंफेंट्री रेजिमेंट्स की तस्वीर!
अब संभव है कि सेना में ढाई सौ सालों से चली आ रही जाति, धर्म या इलाके के आधार पर बनने वाली इंफेंट्री रेजिमेंट्स की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाए. संभावना यह भी है कि सरकार इसी सप्ताह सैनिकों की भर्ती की नई योजना की शुरुआत कर सकती है, जो भारतीय सेना में बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है.
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योजना की घोषणा इसी सप्ताह!
इस नई योजना की घोषणा इसी सप्ताह होने कि संभावना है, जिसे अग्निपथ का नाम दिया गया है. इसके तहत सेना में केवल 4 साल के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी और ये सैनिक अग्निवीर (Agniveer) कहलाएंगे. इन सैनिकों को मौजूदा 9 महीने की जगह केवल 6 महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी और उसके बाद ये साढ़े तीन साल के लिए सेना में सेवा देंगे यानी भर्ती से लेकर रिटायर होने के बीच 4 साल सेना की नौकरी होगी.
30, 000 रुपये प्रति महीने मिलेगा वेतन
सर्विस के दौरान इन सैनिकों को लगभग 30, 000 रुपये प्रति महीने वेतन मिलेगा जो सैनिकों को मिलने वाले मौजूदा वेतन से ज्यादा है. सर्विस के दौरान हर महीने सैनिक के वेतन का एक हिस्सा काटकर उसे जमा रखा जाएगा. सरकार भी उतनी ही रकम सैनिक के खाते में जमा कराएगी. ये रकम जो 10-11 लाख होगी उसे रिटायरमेंट के समय एकमुश्त मिलेगी.
रिटायर होने के बाद मिलेंगे ये मौके
हालाँकि सैनिक को रिटायर होने के बाद कोई पेंशन नहीं मिलेगी. लेकिन सैनिक को सेवा के दौरान आईटीआई जैसे व्यावसायिक कोर्स करने का मौका मिलेगा जिनकी रिटायर्ड सैनिक को कार्पोरेट सेक्टर में नई नौकरी के लिए बड़ी कंपनियों से संपर्क किया जा रहा है और महिंद्रा सहित कई कंपनियों ने तकनीकी रूप से प्रशिक्षित अग्निवीरों में दिलचस्पी दिखाई है. इन सैनिकों में से 25 प्रतिशत को उनके प्रदर्शन के अनुसार सेना में स्थाई नौकरी का मौका भी दिया जाएगा.
नए युवा सैनिकों को मौका मिलेगा
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से सेना को युवा रखने में मदद मिलेगी. हर साल पुराने सैनिकों में से ज्यादातर सेना से रिटायर हो जाएगें और नए युवा सैनिकों को मौका मिलेगा. भारतीय सेना की तादाद लगभग 13 लाख है और इनमें बड़ी तादाद नीचे के रैंक के सैनिकों की है. इन्हीं सैनिकों पर सैनिक कार्रवाइयों की जिम्मेदारी होती है.
अब रेजिमेंट्स में भर्ती अखिल भारतीय स्तर पर होगी
मौजूदा भर्ती प्रक्रिया में सैनिकों को उनके रैंक के हिसाब से 40 या उससे भी ज्यादा उम्र में रिटायर किया जाता है. लेकिन इस तरह सेना में युवा सैनिकों की नई भर्ती नहीं हो पाती और सैनिकों की औसत उम्र भी बढ़ जाती है. नई प्रक्रिया से इस समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. साथ ही अब रेजिमेंट्स में भर्ती अखिल भारतीय स्तर पर की जाएगी.
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