न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
कुछ सो चुके थे और कुछ सोने की तैयारी कर रहे थे तभी भागलपुर अचानक भीषण धमाके सुनकर जाग उठा। धमाका इतना जबरदस्त था कि तीन मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गये। सिर्फ मकान ही ध्वस्त नहीं हुए, बल्कि उनमें 13 जिन्दगियां समाप्त हो गयीं। धमाका होने के बाद लोगों के जेहन में सबसे पहले एक ही ख्याल आया- 1989 का भागलपुर दंगा। शहर एक बार फिर सहम गया। कहने को तो जिस घर में ब्लास्ट हुआ वहां अवैध रूप से पटाखे बनाये जा रहे थे। लेकिन विस्फोटकों की तीव्र प्रकृति कुछ और ही कहानी कहती है। पुलिस भी इसी एंगल पर जांच में जुट गयी है कि वहां बन क्या रहा था और उसका मकसद क्या था?
आगे बढ़ने से पहले एक बार याद कर लेते हैं कि 24 अक्टूबर, 1989 को भागलपुर में हुआ क्या था। तब हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हिंसा आरम्भ हुई थी और 2 महीने तक हिंसक घटनाएं जारी रहीं, जिससे भागलपुर शहर और उसके आसपास के 250 गांव प्रभावित हुए। हिंसा के परिणामस्वरूप 1,000 से अधिक लोग मारे गए जिनमें से लगभग 900 मुस्लिम थे और अन्य 50,000 विस्थापित हुए। यह स्वतंत्र भारत में हिंदू-मुस्लिम हिंसा का सबसे वीभत्स उदाहरण था। वैसे, भागलपुर में सांप्रदायिक हिंसा का इतिहास रहा है। 1989 में ही अगस्त में मुहर्रम और बिशेरी पूजा उत्सव के दौरान हिंदू-मुस्लिम तनाव बढ़ गया था।
1989 भागलपुर दंगा
भागलपुर दंगे की शुरुआत रामजन्मभूमि के लिए इकट्ठा की जा रहीं ईंटों के लिए निकाले गये जुलूस से हुई थी। जुलूस में रामभक्त अयोध्या के राम मंदिर के लिए ईंटें इकट्ठा कर रहे थे। ऐसा ही एक जुलूस जब फतेहपुर गांव से गुजरा तो वहां आगजनी कर दी गयी। इसके बाद एक अफवाह फैली कि लगभग 200 हिंदू विश्वविद्यालय के छात्रों को मुसलमानों ने मार डाला है। एक अन्य अफवाह फैली कि 31 हिंदू लड़कों की हत्या कर संस्कृत कॉलेज के कुएं में फेंक दिया गया है। इसके बाद हिन्दू-मुसलमानों में दंगे की शुरुआत हो गयी और इतिहास का एक काला अध्याय बन गया। इस दंगे ने कुछ लोगों की जिन्दगियां नहीं छीनीं, खास किस्म की रेशम के उद्योग की कला ही देश से विलुप्त हो गयी।
ततारपुर की घटना किसकी लापरवाही
गुरुवार की रात 11.30 बजे ततारपुर थाना क्षेत्र के जिस नवीन अकिशबाज के घर में जोरदार धमाका हुआ था, उसके बारे में यही बताया जा रहा है कि वहां अवैध तरीके से पटाखे बनाये जा रहे थे। स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से इसकी शिकायत भी की थी। कुछ ही दिनों पहले IB ने भी भागलपुर पुलिस को अलर्ट किया था। लेकिन प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। प्रशासन के लिए अब यह लापरवाही ‘लकीर पीटने’ वाली बन गयी है। विस्फोट की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार किलोमीटर के दायरे में लोगों ने इसे भूकंप समझ लिया था। जबकि विस्फोट की आवाज 15 किलोमीटर तक सुनाई दी थी। कुछ लोगों ने समझा कि शायद कोई सिलेंडर फट गया है, लेकिन कुछ ही देर में माजरा साफ हो गया।
पुलिस भी मान रही है ‘बड़ी बात’
पुलिस भी मान रही है कि विस्फोट देसी बमों के अवैध निर्माण के दौरान हुआ होगा। ऐसी भी संभावना नहीं लगती कि कथित व्यक्ति पटाखे बना रहे थे। चूंकि विस्फोट की प्रकृति इतनी तीव्र थी, इससे उसमें प्रयोग किये गये विस्फोटकों की मात्रा का भी अंदाजा लगता है। पुलिस ने कहा, हम विस्फोटकों की प्रकृति का पता लगाने के लिए घायलों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। हमने नमूने भी एकत्र करने के लिए एफएसएल टीम को भी बुलाया है। पुलिस को मलबे से 5 किलो बारूद और काफी संख्या में लोहे की कीलें मिली हैं।
‘मिनी पाकिस्तान’ के रूप में जाना जाता रहा है ततारपुर
सबसे पहले तो यह जान लें कि भागलपुर और मुंगेर के आसपास के इलाके आग्नेयास्त्रों और बमों के अवैध निर्माण के केंद्र हैं। भागलपुर का ततारपुर, जहां विस्फोट का हादसा हुआ है, मिनी पाकिस्तान के रूप में जाना जाता रहा है, आज भी इसे मिनी पाकिस्तान ही कहा जाता है। 1989 के भागलपुर दंगों के बाद भी यहां तीन बार दंगे हो चुके हैं। इन दंगों का केन्द्र ततारपुर ही रहा है। दंगे चंपानगर, नाथनगर और काजवली में हुए, ये या तो ततारपुर इलाके में हैं या इसके आसपास। सबसे हैरत वाली बात यह कि प्रशासन इन दंगों का ठीक से उद्भेन तक नहीं कर पायी है। काजवली, पंखाटोली, बबरगंज भागलपुर में हमेशा से संवेदनशील इलाके माने जाते रहे हैं। जब भी कोई साम्प्रदायिक तनाव होता है, यहां की स्थिति सबसे ज्यादा तनावपूर्ण रहती है।
पीएम मोदी ने जताया शोक
घटना पर पीएम मोदी ने भी शोक जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘बिहार के भागलपुर में धमाके से हुई जनहानि की खबर पीड़ा देने वाली है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। घटना से जु़ड़े हालातों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से भी बात हुई। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगा हुआ है, और पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जा रही है।’
बिहार के भागलपुर में धमाके से हुई जनहानि की खबर पीड़ा देने वाली है। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। घटना से जु़ड़े हालातों पर मुख्यमंत्री @NitishKumar जी से भी बात हुई। प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में लगा हुआ है, और पीड़ितों को हर संभव सहायता दी जा रही है।
— Narendra Modi (@narendramodi) March 4, 2022
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