न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
झारखंड ज्यादा से ज्यादा लोगों को शराब पिलाने को लेकर परेशान है, वहीं पड़ोसी राज्य बिहार ने शराब के बाद गुटखा, तम्बाकू और पान मसाला पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। बिहार और झारखंड कभी एक थे, यानी दोनों राज्यों के लोगों की मानसिकता एक ही है। फिर भी दोनों राज्यों में नियम अलग-अलग हैं। झारखंड में आज शराब की नयी नीति पर कैबिनेट की मुहर लगेगी, इस नयी नीति में सरकार कारोबारियों को ज्यादा शराब बेचने का टार्गेट तय करने जा रही है। अन्यथा उनके कारोबार की खैर नहीं। दूसरी तरफ बिहार में इस समय शराबबंदी लागू है। अब उसमें तम्बाकू, गुटखा, पान मसाले पर भी प्रतिबंध लग गया है। यानी शराब के साथ अगर पान मसाला, तम्बाकू और गुटखे का प्रयोग किया तो खैर नहीं। भले ही दोनों राज्यों के लोगों की मानसिकता एक है, लेकिन सत्ता शीर्ष पर बैठने वालों की मानसिकता एक नहीं है।
वैसे तो फिलहाल झारखंड में भी गुटखा-तम्बाकू पर प्रतिबंध है, लेकिन इसकी उपलब्धता पर अन्तर नहीं आया है। बिहार में भी शराब बंद है,, शराब की धर-पकड़ का अभियान भी जोर-शोर से चल रहा है, लेकिन शराब पीने वाले और बेचने वाले कोई न कोई रास्ता निकाल ही ले रहे हैं। इसलिए इसमें संदेह है कि बिहार में तंबाकू, गुटखा और पान मसालों पर प्रतिबंध के बाद इसका भी कोई न कोई रास्ता न निकल आये।
मूल खबर यही है कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू से निर्मित गुटखा और पान मसाले के उत्पादन, भंडारण, परिवहन, बिक्री और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया है। वैसे इन उत्पादों पर प्रतिबंध फिलहाल एक वर्ष के लिए लगाया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सर्वोच्च न्यायालय के सितंबर, 2016 के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों की बिक्री पर पूरी तरह रोक रहेगी। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
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