12 साल बाद 2nd JPSC नियुक्ति घोटाले से सीबीआई ने उठाया पर्दा

पास कराने के लिए ओवरराइटिंग और ज्यादा नम्बर का हथकंडा उजागर

झारखंड में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (JPSC) में हुए कथित घोटाले पर से सीबीआई ने पर्दा उठा दिया है। यह घोटाला झारखंड की दूसरी जेपीएससी परीक्षा से जुड़ा हुआ है। जेपीएससी परीक्षा घोटाले की जांच का जिम्मा देने के बाद 12 वर्ष बाद इस पर से पर्दा हटाया है। अपनी जांच पूरी कर रांची सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप प्रसाद समेत 70 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में यह खुलासा किया है कि जेपीएससी के तत्कालीन सदस्य और को-आर्डिनेटर के कहने पर 12 परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ाये गये थे।  इतना ही नहीं, कई अभ्यर्थियों की कॉपियों में काट-छांट कर नंबर बढ़ाये गये और सफल उम्मीदवारों के इंटरव्यू में मिले वास्तविक नंबर को भी बढ़ाया गया। बता दें कि झारखंड हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान 2012 में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

सीबीआई की चार्जशीट में हैं इनके नाम

  • जेपीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष दिलीप कुमार प्रसाद
  • सदस्य गोपाल प्रसाद सिंह
  • शांति देवी
  • राधा गोविंद सिंह नागेश
  • एलिस उषा रानी सिंह
  • अरविंद कुमार
  • सोहन राम
  • प्रशांत कुमार लायक
  • राधा प्रेम किशोर
  • विनोद राम
  • हरि शंकर बराईक
  • हरि शंगर सिंह मुंडा
  • रवि कुमार कुजूर
  • मुकेश कुमार महतो
  • एसए खन्ना
  • बटेश्वर पंडित
  • कोआर्डिनेटर परमानंद सिंह
  • अल्बर्ट टोप्पो
  • एस अहमद
  • नंदलाल
  • कुंदन कुमार सिंह
  • मौसमी नागेश
  • कानुराम नाग
  • लाल मोहन नाथ शाहदेव
  • प्रकाश कुमार
  • कुमारी गीतांजलि
  • संगीता कुमारी
  • रजनिश कुमार
  • शिवेंद्र
  • संतोष कुमार चौधरी
  • कुमार शैलेंद्र
  • हरि उरांव

न्यूज डेस्क/  समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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