Adani Group Downfall: क्या अडाणी का साम्राज्य डाउनफॉल शुरू हो गया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद जिस तरह से अडाणी ग्रुप का दुनिया में कद छोटा होता जा रहा है, उससे तो यही लग रहा है। मुकेश अंबानी जो अमीरों की लिस्ट में अडाणी से काफी पीछे चले गये थे, फिर से नम्बर एक बन गये हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद ऐसा क्या हुआ जिससे अडाणी ग्रुप पर यह संकट के बाद छा गये हैं, लेकिन अडाणी ग्रुप के लिए चिंता की बात यह है कि अब रिजर्व बैंक ने भी इस ग्रुप के प्रति आंखें तरेर दी हैं। खबरों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश की सभी बैंकों को निर्देश जारी कर अडानी ग्रुप को दिए गए लोन की जानकारी दें।
बता दें, अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में अडाणी ग्रुप को लेकर जो रिपोर्ट आयी है, उसके बाद ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लग रहा है। इसी रिपोर्ट के आने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई और उनकी सम्पत्ति में इतनी गिरावट आ गयी कि दुनिया के दूसरे स्थान पर रह चुके अडाणी 15वें स्थान पर फिसल गये। हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप हिंडनबर्ग के आरोपों को निराधार और भ्रामक बता रहा है।
बता दें, अडाणी ग्रुप पर सरकारी बैंकों का 2 लाख करोड़ का अनुमान लगाया गया है। देश में एक बार फिर चिंता का माहौल बन गया है कि अगर यह कर्ज न चुकाया गया तो विजय माल्या और नीरव मोदी जैसा हाल हो सकता है। जो बैंकों का अरबों रुपया लेकर विदेश फरार हैं। हालांकि अडाणी ग्रुप ने स्पष्टीकरण दिया है कि बैंकों के जितने कर्ज का प्रचार किया जा रहा है, उतना है नहीं। फिर भी यह कर्ज सुरक्षित हैं क्योंकि ये सभी कर्ज प्रॉपर्टी को गिरवी रखकर लिए गए हैं। इस संकट के बीच अडाणी ग्रुप ने एफपीओ रद्द करने के फैसला लेते हुए निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये वापस करने का फैसला लिया है। इतना ही नहीं, बाकायदा वीडियो जारी कर कहा है कि निवेशकों का हित उनकी पहली प्राथमिकता है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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