Ranchi : झारखंड पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के अभियानों से नक्सलियों की कमर लगातार टूट रही है। 15 लाख के इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव और 10 लाख के इनामी नक्सली शनिचर सुरीन का मारा जाना झारखंड में सिमटते नक्सली कुनबे पर बड़ा प्रहार है। झारखंड पुलिस, जगुआर, सीआरपीएफ, और कोबरा बटालियन मिलकर इन दिनों नक्सलियों की नाक में दम कर रखा है। इन कुख्यात नक्सलियों का मारा जाना इसी अभियान का बड़ा हिस्सा है। अब तो झारखंड के डीजीपी नीरज सिन्हा नक्सलियों को सख्त चेतावनी भी दे रहे हैं- या तो नक्सली आत्मसमर्पण करें, या फिर जान गंवाएं।
झारखंड और अर्द्धसैनिक बलों के गठजोड़ से नक्सलियों का सफाया अभियान चल रहा है। 13 जुलाई से 16 जुलाई तक विभिन्न क्षेत्रों में जो अभियान चला गया है उसी में 15 लाख के इनामी नक्सली रिजनल कमेटी सदस्य एवं सचिव कोयल शंख जोन बुद्धेश्वर उरांव और पीएलएफआई के जोनल कमांडर शनिचर सुरीन, जिस पर 10 लाख का इनाम था, मार गिराये गये हैं।
आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठायें, मुख्यधारा से जुड़ें नक्सली: डीजीपी
संयुक्त अभियान की सफलता की जानकारी डीजीपी नीरज सिन्हा ने पत्रकारों को देते हुए कहा- झारखंड में अब गिने-चुने नक्सली संगठन बचे हैं। उनके पास आत्मसमर्पण के अलावा दूसरा विकल्प जान से हाथ गंवाना है। अगर वे आत्मसमर्पण करते हैं तो उन्हें सरकार की निर्धारित आत्मसमर्पण नीति का लाभ मिलेगा। नक्सली मुठभेड़ करेंगे तो सिर्फ उनकी जानें ही जायेंगी। आत्मसर्पण करेंगे तो समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का अवसर मिलेगा। संवाददाता सम्मेलन में संजय आनंद लटकर एडीजी अभियान, एवी होमकर आईजी अभियान, एम.एल. मीणा एडीजी हेड क्वार्टर, गुमला एसपी रिद्धिम जनार्दन सहित मोहम्मद अर्शी, सीआरपीएफ के कमांडर राजीव सहित झारखंड जगुआर एकोबरा बटालियन के पदाधिकारी गण उपस्थित थे।
डीजीपी नीरज ने यह भी अपील की कि झारखंड बहुत ही खूबसूरत राज्य है। यहां कई पर्यटन स्थल है, इनकी खूबसूरती पर्यटकों को आनन्द देने वाली है। नक्सली जब समाज की मुख्यधारा में लौट आयेंगे तो ये पर्यटन क्षेत्र फिर से आबाद हो जायेंगे। झारखंड फिर से पुराना सौन्दर्य फिर लौट आयेगा तो यहां पर्यटक भी आने लगेंगे। इसका लाभ राज्य ही नहीं समाज के हर वर्ग को होगा।
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बुद्धेश्वर उरांव और शनिचर सुरीन को ढेर करना बड़ी कामयाबी
झारखंड पुलिस एवं केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों ने झारखंड के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भाकपा माओवादी एवं उग्रवादी, पीएलएफआई, टीपीसी के विरुद्ध जो अभियान चला रखा है, उसमें उन्हें बड़ी कामयाबी भी मिली है।
- 15 जुलाई, 2021 को गुमला जिले के कुरुमगढ़ थाना क्षेत्र में उग्रवादी बुद्धेश्वर उरांव इसी अभियान में मारा गया था। बुद्धेश्वर उरांव प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी, कोयल शंख जोन, सदस्य और सचिव था
- 16 जुलाई, 2021 को रात्रि खूंटी चाईबासा सीमावर्ती क्षेत्र में एक मुठभेड़ हुई थी। जिसमें कुख्यात उग्रवादी शनिचर सुरीन मारा गया ।
- 12 जुलाई, 2021 को गुमला जिले में नक्सलियों के होने की सूचना मिली थी और उसके खिलाफ अभियान चलाया गया था। साथ ही नक्सलियों द्वारा आईडी बिछायी गयी थी। पुलिस ने इसे बरामद कर उसे निष्क्रिय कर दिया।
- 13 जुलाई, 2021 को नक्सलियों द्वारा बिछायी गयी आईडी की चपेट में आने से कोबरा 203 बटालियन के सिटी/जीडी विश्वजीत डॉग हैंडलर जख्मी हो गए थे। उनका इलाज चल रहा है। जबकि श्वान द्रोणा शहीद हो गए थे।
- 14 जुलाई, 2021 को एक ग्रामीण रामदेव मुंडा की मृत्यु हो गई थी। इसके बाद भी अभियान जारी रहा।
इन अभियानों में भारी मात्रा में हथियार बरामद
डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि इस अभियान में भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा, आईडीए कारतूस, वर्दी भी बरामद किया गया है। ए.के.47 राइफल, दो मैगजीन, काफी संख्या में कारतूस, आईडी डेटोनेटर, मैगजीन, मोबाइल फोन, नक्सली साहित्य, दवाई एवं वर्दी तथा दैनिक उपभोग की अन्य वस्तुएं बरामद की गई हैं।
हाल के महीनों में संयुक्त अभियान को मिली सफलताएं
- 31 मई, 2021 गुमला के कुरमगड़ थाना के अन्तर्गत बालक गंझू को पुलिस ने ढेर किया था।
- 21 दिसम्बर, 2020 को पीएलएफआई उग्रवादी जीदन गुड़िया को पुलिस ने मुरहू थाना अन्तर्गत कोयनसार जंगल के पहाड़ी पर एनकाउंटर कर ढेर दिया था।
- 2020 में ही पीएलएफआई उग्रवादी पुनई उरांव को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर किया था।
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