SC ने झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को रखा बरकरार, ED के नाम पर ठगी का है मामला
ईडी के नाम पर की मांगी गयी रंगदारी और धोखोधड़ी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार को झटका दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अब हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। मामला दरअसल, रंगदारी और धोखाधड़ी का है। झारखंड हाई कोर्ट इस मामले पर पहले ही फैसला दे दिया था, लेकिन राज्य सरकार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम पहुंची थी। रंगदारी और धोखाधड़ी के जिस मामले में सुनवाई हाई कोर्ट में हुई थी, उसमें कोर्ट ने रांची पुलिस को पंडरा ओपी, सुखदेव नगर थाना, जगन्नाथपुर थाना, अनगडा थाना, मोरहाबादी टीओपी, नामकुम थाना और देवघर थाना को 4 अक्टूबर 2024 से लेकर 17 अक्टूबर 2024 तक की सीसीटीवी को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था। क्योंकि इनका सम्बंध इस केस से था। मगर हाईकोर्ट के इस आदेश और ED के अधिकारियों एवं अन्य के विरुद्ध पंडरा थाना में दर्ज प्राथमिकी में हाईकोर्ट की पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को राज्य सरकार ने चुनौती दी थी।
शीर्ष अदालत में मामले की सुनवाई न्यायाधीश जस्टिस एमएम सुनदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच में हुई। सुनवाई के झारखंड सरकार की अपील ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि मामले पूरी सुनवाई करते हुए इसका शीघ्र निष्पादन करे। झारखंड सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल, अरुणाभ चौधरी और अधिवक्ता जयंत मोहन ने पक्ष रखा।
बता दें कि यह मामला रांची के पंडरा ओपी में पिछले वर्ष कांड संख्या 507/2024 और 508/2024 से जुड़ा हुआ है। इसकी प्राथमिकी प्राथमिकी अधिवक्ता सुजीत कुमार ने दर्ज करायी थी। उन्होंने संजीव कुमार पांडेय, रवि कुमार, प्रशांत, दीवाकर व अन्य पर आरोप लगाया था हथियारों के बल पर उनके साथ लाखों रुपयों की रंगदारी मांगी गयी, धोखाधड़ी की गयी और सादे कागज पर जबरन लाखों रुपये लिये जाने का इकरारनामा लिखवाया गया। दूसरी प्राथमिकी संजीव कुमार पांडेय ने अधिवक्ता सुजीत कुमार पर आरोप लगाया था कि जमीन घोटाला केस की जांच कर रही ईडी को मैनेज करने के नाम पर करीब छह करोड़ रुपये की ठगी की है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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