घूम-घूमकर पॉकेटमारी करने वाली शातिर महिला गिरफ्तार, जानिए कैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में घटना को देती थी अंजाम

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गिरिडीह शहर में बैंकों और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पॉकेटमारी कर लोगों को चूना लगाने वाली एक शातिर महिला को पचंबा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महिला अपने पति और बच्चों के साथ परियाना इलाके में रहती थी और गिरोह बनाकर पॉकेटमारी की वारदातों को अंजाम देती थी।

पुलिस ने बताया कि महिला पचंबा थाना क्षेत्र के अलावा अन्य इलाकों में भी सक्रिय थी। हाल ही में इलाहाबाद बैंक के बाहर एक महिला के पर्स से 20,000 रुपये निकालकर फरार हो गई थी। पीड़िता ने थाना में शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई।

कैसे पकड़ी गई यह शातिर पॉकेटमार?

घटना के बाद पचंबा थाना पुलिस ने बैंक के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में यह महिला साफ नजर आई, जिसके आधार पर पुलिस ने उसकी तलाश शुरू की।

पहले पता चला कि महिला गिरिडीह जिले के ताराटांड़ थाना क्षेत्र की रहने वाली है।
वहां छापेमारी की गई, लेकिन वह वहां नहीं मिली।
फिर पुलिस को जानकारी मिली कि महिला परियाना में अपने पति और बच्चों के साथ रह रही थी।
रात 1 बजे महिला पुलिस बल के साथ दबिश दी गई और महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में महिला ने अपनी जुर्म कबूल लिया और चोरी किए गए 20,000 रुपये पुलिस को सौंप दिए।

कैसे देती थी वारदात को अंजाम?

थाना प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि यह महिला बैंक और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सक्रिय रहती थी। वह बैंक के बाहर खड़े लोगों को निशाना बनाती थी।
बहाने से उनके पास जाती, बातों में उलझाती और मौका देखकर पॉकेट से पैसे निकाल लेती। अगर पैसा पर्स या थैले में रखा होता, तो उसे भी निकालकर फरार हो जाती।
कम रकम चुराने की वजह से कई बार लोग शिकायत भी नहीं करते थे।

गुलगुलिया गिरोह से है कनेक्शन?

पुलिस को शक है कि यह महिला गुलगुलिया गिरोह का हिस्सा है, जो पूरे झारखंड में घूम-घूमकर चोरी करता है।

ये लोग कहीं भी तंबू लगाकर रुकते हैं और वारदातों को अंजाम देते हैं।
पुलिस समय-समय पर इन्हें हटाती है और इनकी तस्वीरें भी खींचती है।
महिला की तस्वीर जब पुरानी फोटोज से मिलाई गई, तो उसका मिलान हो गया।

शहर में बढ़ रही पॉकेटमारी, पुलिस के लिए चुनौती!

गिरिडीह में पिछले कुछ महीनों में पॉकेटमारी की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं।

2023 में गिरिडीह पुलिस ने 25 पॉकेटमारों को गिरफ्तार किया था।
2024 में अब तक 15 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
बैंक और बाजारों में सबसे ज्यादा घटनाएं होती हैं।

क्या अब पॉकेटमार गिरोह का होगा खात्मा?

पुलिस अब महिला के बाकी साथियों की तलाश में जुटी हुई है।
शहर में सीसीटीवी निगरानी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
बैंकों और बाजारों में पुलिस की गश्त तेज की जाएगी।