दुमका से भाजपा की प्रत्याशी सीता सोरेन ने X पर एक पोस्ट किया है। उसमें उन्होंने जो कहा है उससे यह कहना मुश्किल है कि वह झामुमो की कोई शिकायत कर रही हैं या फिर उन्हें झामुमो छोड़ने का कोई अफसोस है। झामुमो से भाजपा में आयी सीता सोरेन का यह पोस्ट आप भी पढ़िये और समझने का प्रयास कीजिए की आखिर वह कहना क्या चाहती हैं-
“श्री शिबू सोरेन जी की अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में नहीं चलती है,अगर झामुमो में उनका सब कुछ ठीक ठाक रहता तो वे मुझे पार्टी से निकलने ही नहीं देते।”
-श्रीमती सीता सोरेन
भाजपा लोकसभा प्रत्याशी, दुमका
“श्री शिबू सोरेन जी की अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में नहीं चलती है,अगर झामुमो में उनका सब कुछ ठीक ठाक रहता तो वे मुझे पार्टी से निकलने ही नहीं देते।”
-श्रीमती सीता सोरेन
भाजपा लोकसभा प्रत्याशी, दुमका@BJP4India @narendramodi @AmitShah @JPNadda @blsanthosh @LKBajpaiBJP @yourBabulal pic.twitter.com/KoqZElcPjF— Sita Soren (@SitaSorenMLA) April 5, 2024
“श्री शिबू सोरेन जी की अब झारखंड मुक्ति मोर्चा में नहीं चलती है,अगर झामुमो में उनका सब कुछ ठीक ठाक रहता तो वे मुझे पार्टी से निकलने ही नहीं देते।”
-श्रीमती सीता सोरेन
भाजपा लोकसभा प्रत्याशी, दुमका@BJP4India @narendramodi @AmitShah @JPNadda @blsanthosh @LKBajpaiBJP @yourBabulal pic.twitter.com/KoqZElcPjF— Sita Soren (@SitaSorenMLA) April 5, 2024
इस छोटे-से संदेश का वाकई में अर्थ क्या है? यह संदेश झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के प्रति उलाहना नहीं हो सकता। क्योंकि शिबू सोरेन आज वाकई में शारीरिक रूप से असमर्थ हैं। इसलिए परिवार हो या पार्टी हो, अगर वहां उनकी नहीं चलती तब भी यह गलत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ऐसा तो हर घर में हो सकता है। पार्टी के प्रति अगर उलाहना है तो यह अब भी हेमंत सोरेन की ही पार्टी है। हेमंत सोरेन की पार्टी का मतलब है कि अब भी उस पर शिबू सोरेन का ही वर्चस्व है। अब रही तीसरी बात, क्या कहीं सीता सोरेन के मन में झामुमो छोड़ने का कोई मलाल तो नहीं, क्योंकि जड़ें तो उनकी झामुमो में ही हैं। अगर ऐसा है तो… इसका निर्णय हम आप पर छोड़ते हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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