ये CSK कुछ अलग है! टीम अभी से लगने लगी है अपराजेय!

This CSK is something different! The team is already looking unbeatable!

IPL 2024  में अभी 7 ही मैच खेले गये हैं। इन 7 मैचों में क्रिकेट फैंस की फेवरेट चेन्नई सुपर किंग्र्स (CSK) ने दो मैच खेले हैं और दोनों मैचों में जबर्दस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए दोनों ही मैच जीते। अपने पहले और टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में जिस तरह से स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू (RCB) को मात दी उसी से यह आभास हो गया है CSK इस सीजन भी धमाल करने वाली है। इसके बाद दूसरे मैच में जिस तरह से गुजरात टाइटन्स (GT) को तगड़ी शिकस्त दी, उससे यह भी अहसास हो गया कि पिछले सीजन के फाइनल में CSK की खिताबी जीत यूं नहीं मिल गयी। वैसे, अभी तो सीजन की शुरुआत ही हुई है, अभी तो पूरा सीजन बाकी है, लेकिन CSK ने जिस अंदाज में शुरुआत की है, यह बताता है कि टीम अब अलग लेवल का खेल खेल रही है।

अब इस अलग लेवल के खेल में उसके नये कप्तान का रोल है या फिर एक मजबूत टीम असर या फिर कोच स्टीफन फ्लेमिंग का कमाल, लेकिन टीम कमाल कर रही है, उसमें  कोई दो राय नहीं है।

मंगलवार के दिन चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटन्स के बीच मैच खेला गया। लगा कि आज क्रिकेट फैंस को एक जबर्दस्त मुकाबला देखने को मिलेगा। CSK ने जब पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 206 रनों का स्कोर खड़ा किया तो फैंस का तो पूरा मनोरंजन हुआ। लेकिन जब गुजरात की टीम की बारी आयी तो वह क्रिकेट फैंस को निराश करते हुए ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। पूरी टीम 20 ओवरों में 8 विकेट पर 143 रन ही बना सकी। गुजरात टाइटन्स जब से आईपीएल खेल रही है तब से उसकी यह सबसे बड़ी पराजय है। इससे पहले पिछले साल गुजरात की टीम मुम्बई के हाथों मिली 27 रनों की हार उसकी सबसे बड़ी हार थी।

गुजरात की इस हार की वजह खराब बल्लेबाजी तो रही ही, चेन्नई की बल्लेबाजी के वक्त खुद कप्तान शुभमन गिल ने ऋतुराज का कैच टपका कर अपने लिए मुसीबत मोल ले ली। इस जीवनदान का फायदा उठाते हुए ऋतुराज ने 46 रनों  की बेहतरीन पारी खेली।

रही बात ऋतुराज की कप्तानी में CSK के शानदार प्रदर्शन की, तो यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि महेन्द्र सिंह धोनी के कप्तानी से हटने के बाद ऋतुराज टीम का बेहतरीन नेतृत्व कर रहे हैं। क्योंकि हमें यह भी याद रखना होगा कि धोनी की कप्तानी में CSK 5 खिताब जीत चुकी है और 5 बार फाइनल में हारी भी है। 10 बार अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाने वाले कप्तान की क्षमता पर कोई संदेश नहीं किया जा सकता। हां, यह जरूर कहा जा सकता है ऋतुराज धोनी की विरासत को अच्छे से सम्भाल रहे हैं। मगर उन्हें अभी बहुत कुछ साबित करना होगा।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस –झारखंड-बिहार

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