झारखंड मुक्ति मोर्चा इन दिनों सीबीआई-ईडी के निशाने पर है। इस बीच भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने सीबीआई को आदेश दिया कि शिबू सोरेन (Shibu Soren) से जुड़ी बेनामी संपत्तियों की जांच की जाए। लोकपाल ने जांच के लिए सीबीआई को छह माह का वक्त दिया है। बता दें, लोकपाल ने यह निर्देश भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर एक शिकायत का निपटारा करते हुए दिया। पांच अगस्त 2020 को दुबे ने यह शिकायत की थी।
हर महीने सीबीआई को देनी होगी प्रगति रिपोर्ट
सुनवाई करते हुए लोकपाल की एक पीठ ने सीबीआई को निर्देश किए कि जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी जांच पूरी करें। पीठ में न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी और गैर-न्यायिक सदस्यों अर्चना रामसुंदरम और महेंद्र सिंह शामिल हैं। लोकपाल ने कहा कि सीबीआई उन्हें मासिक रिपोर्ट भेजकर जांच की प्रगति के बारे में जानकारी देंगे। बता दें, शिकायत में दुबे ने कहा था कि सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है।
सांसद ने साधा निशाना
लोकपाल के आदेश के बाद दुबे ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज झारखंड के सोरेन परिवार के लिए बुरी खबर है। मेरी शिकायत पर लोकपाल ने सीबीआई को भ्रष्टाचार के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। कुल 108 संपत्तियां हैं, जिनकी जानकारी न तो चुनाव आयोग को दी गई है और न ही आयकर विभाग को।
आज झारखंड के सोरेन परिवार के लिए सबसे बुरी ख़बर मेरे शिकायत व क़ानूनी लड़ाई के बाद आज लोकपाल ने भ्रष्टाचार के मामले में CBI को fir दर्ज करने का आदेश दिया ।कुल 108/ सम्पत्ति जिसका ज़िक्र ना चुनाव आयोग@ECISVEEP ना @IncomeTaxIndia को शिबू सोरेन जी के परिवार ने दिया ।सत्यमेव जयते
— Dr Nishikant Dubey(Modi Ka Parivar) (@nishikant_dubey) March 4, 2024
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