किसानों की मेहनत और आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रशासन का सहयोग सब्जी की खेती के मामले में पाकुड़ को आत्मनिर्भर बना रहा है. किसानों की मेहनत का ही नतीजा है कि जो सब्जी पहले स्थानीय बाजारों में बिक रही थी वही सब्जी अब विदेशों में रह रहे लोगों के रसोई घर में पाकुड़ की मिट्टी का सुगंध बिखेर रही है.
पाकुड़ में किसानों द्वारा उपजाए गए कच्चू मिलेशिया भेजे जा रहे हैं. किसानों की ओर से पैदा किए गए 14 मीट्रिक टन कच्चू की पहली खेप कोलकाता के रास्ते विदेश भेजी जा रही है. इसे डीसी मृत्युंजय कुमार बरणवाल ने हरी झंडी दिखाई है. जिससे किसानों के चेहरे खिल उठे हैं बल्कि उनकी आमदनी में भी लगातार वृद्धि हो रही है.
पाकुड़ से कार्तिक की रिपोर्ट