Jharkhand Politics Congress: झारखंड में चंपई सोरेन कैबिनेट के विस्तार के बाद बगावत पर उतरे नाखुश कांग्रेस के 12 विधायकों को मनाने की कोशिश असफल हो गई है। कांग्रेस के करीब 12 विधायक नई सरकार में भागीदारी नहीं मिलने से खफा हैं और उन 12 में से 8 आलाकमान से मिलने दिल्ली पहुंच चुके हैं। गौरतलब है कि सीएम चंपई सोरेन भी शनिवार शाम को दिल्ली गए हैं। उनका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित पार्टी के अन्य नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है। माना जा रहा है कि सीएम की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के दौरान कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के मुद्दे पर बात हो सकती है।
कांग्रेस के नाराज विधायकों की मांग है कि चंपई सोरेन कैबिनेट में उनकी पार्टी से जिन चार लोगों को मंत्री बनाया गया है, उन्हें हटाकर नए चेहरों को मौका दिया जाए। ये चारों हेमंत सोरेन की सरकार में भी मंत्री थे, लेकिन इनमें से किसी का परफॉर्मेंस ऐसा नहीं है कि इन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी जानी चाहिए थी। शनिवार को नाराज विधायकों ने रांची के बिरसा चौक स्थित एक होटल में बैठक की। उन्हें मनाने के लिए मंत्री बसंत सोरेन पहुंचे। वहीं, बताया जा रहा है कि नाराज कांग्रेस विधायक बेंगलुरु जाने की तैयारी में हैं।(Jharkhand Politics)
…तो महागठबंधन की सरकार अल्पमत में आ जाएगी!
झारखंड की नवगठित चंपाई सोरेन सरकार में शामिल नहीं किए जाने से नाराज इन विधायकों के असंतोष को मिटाना सूबे में राजनीतिक स्थिरता के लिहाज से जरूरी है।(Jharkhand Politics) अगर विधायक बागी हुए तो चंपई सरकार संकट में आ जाएगी।अगर कांग्रेस के बागी विधायक सोरेन सरकार के विरुद्ध हो जाते हैं तो महागठबंधन की सरकार अल्पमत में आ जाएगी। अगर कांग्रेस के 12 विधायक बागी होते हैं तो महागठबंधन के पास सिर्फ 35 विधायक रह जाएंगे। वहीं, एनडीए का आंकड़ा 41 का हो जाएगा। जबकि बहुमत के लिए भी 41 विधायकों का समर्थन ही चाहिए। बता दें कि सभी कांग्रेस विधायकों ने चंपई सोरेन की सरकार के बजट सत्र में शामिल होने से इनकार कर दिया है। अगर ये विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे तो चंपई सोरेन की सरकार विधानसभा सत्र के दौरान संकट में पड़ सकती है। (Jharkhand Politics)
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार
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