UAE Temple BAPS : भारतीय संस्कृति से जुड़ा है अबू धाबी का बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर, जानिये खासियतें

UAE Temple BAPS, Abu Dhabi's Bochasanwasi Swaminarayan Temple is connected to Indian culture.

UAE Temple BAPS : संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का पहला  हिन्दू मंदिर उद्घाटन के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिरके उद्घाटन के लिए यूएई में हैं। इस मंदिर को इसे एशिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर बताया जा रहा है। मंदिर का निर्माण बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने करवाया है। इस संस्था ने ही भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में हिन्दू मंदिरों का निर्माण करवाया है। पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के न्यू जर्सी में भी इसी संस्था ने दुनिया के दूसरे सबसे बड़े मंदिर का निर्माण करवाया है। इसी कड़ी में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था ने यूएई सरकार के सहयोग से इस विशाल मंदिर का निर्माण करवाया है। तो आइए देखते हैं कि अबू धामी के इस मंदिर की क्या-क्या खासियतें हैं और इसमें भारतीय संस्कृति का कितना ख्याल रखा गया है।

2015 में शुरू हुआ था मंदिर का निर्माण

इस मंदिर के निर्माण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी अहम रोल है। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की पहली यात्रा के दौरान UAE ने मंदिर निर्माण के लिए अबू धाबी में जमीन आवंटित करने का फैसला किया था। प्रधानमंत्री ने फरवरी, 2018 में मंदिर परियोजना का उद्घाटन किया। दिसंबर, 2019 में इसका निर्माण शुरू हुआ।

मंदिर की क्या-क्या हैं खासियतें?
  • 700 करोड़ की लागत से हुआ है मंदिर का निर्माण
  • अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग के किनारे अल रहबा के पास अबू मुरीखा में 27 एकड़ भूमि में फैला यह मंदिर
  • 92 मीटर (108 फीट) ऊंचा, 79.86 मीटर (262 फीट) लंबा और 54.86 मीटर (180 फीट) चौड़ा है मंदिर
  • राम मंदिर की तरह इस मंदिर में भी लोहे और स्टील का इस्तेमाल नहीं
  • मंदिर में 12 गुंबद पिरामिड की आकृति में बने हैं
  • मंदिर के 7 शिखर और 402 स्तंभ हैं।
  • 1000 साल तक मंदिर को कुछ नहीं होने की गारंटी
  • मंदिर के निर्माण में 40,000 घन मीटर संगमरमर और 18 लाख से अधिक ईंटों का इस्तेमाल
  • स्वामी नारायण मंदिर के भव्य गुंबदों को सद्भाव का गुंबद कहा जा रहा है, जिनपर पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष के सामंजस्य का एक अनूठा चित्रण
मंदिर के अंदर क्या है खास?
  • मंदिर पर वैदिक वास्तुकला का प्रभाव
  • मंदिर के तल में अभिषेक मंडपम है
  • मंदिर में राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, राधा-कृष्ण, भगवान वेंकटेश्वर, भगवान अयप्पा और भगवान जगन्नाथ की प्रतिमाएं
  • मंदिर की दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियों की नक्काशी
  • मंदिर में एक बड़ा अखाड़ा, प्रार्थना कक्ष, एक गैलरी, एक पुस्तकालय, एक बगीचा, पानी की सुविधा, एक फूड कोर्ट, गिफ्ट की दुकान, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, एक मजलिस और 2 सामुदायिक हॉल हैं
अरब देशों पहले से ही है मंदिरों का अस्तित्व

यूएई के अबू धाबी में निर्मित मंदिर अरब देशों का पहला हिन्दू मंदिर नहीं है। बहरीन की राजधानी मनामा में श्रीनाथजी का मंदिर है, जो एक सदी से भी पुराना है। ओमान की राजधानी मस्कट में भी दो हिंदू मंदिर हैं। एक मंदिर भगवान शंकर का मोतीश्वर मंदिर और दूसरा मंदिर भगवान कृष्ण और विष्णु का है। यह मंदिर 150 साल पुराना है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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