NDA में जोड़, INDI Alliance में घटाव जारी है, पुरानी साथी TDP आ रही BJP के करीब, RLD भी बदलेगा पाला!

Addition in NDA, subtraction continues in INDIA, old partner TDP closer to BJP

इंडी एलायंस का गठन लगता है शुभ मुहूर्त में नहीं हुआ है। गठबंधन की शुरुआत करने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही अब गठबंधन के साथ नहीं है। वहीं, इंडी गठबंधन का अब एक और साथी ‘हाथ’ छोड़ रहा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आप संयोजक अरविन्द केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव अलग-अलग राह चलने को तैयार हैं, सो अलग। अब तो कांग्रेस को मजबूती देने के लिए निकाली गयी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के लिए लोग सलाह दे रहे हैं कि वह यह यात्रा बंद कर ‘गठबंधन जोड़ो यात्रा’ निकाले।

वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय गणतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में नये साथी भी जुड़ते जा रहे हैं। सूत्रों से ही सही, एनडीए के लिए दो शुभ खबरें हैं। एक यह कि आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की पार्टी टीडीपी फिर से भाजपा की ओर आ रही है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में सपा के साथ सीट शेयरिंग को लेकर नाराज राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) भी भाजपा की ओर रुख कर सकती है। ये दोनों खबरें इंडी एलायंस के लिए शुभ नहीं हैं।

चन्द्रबाबू नायडू दिल्ली में जेपी नड्डा से करने वाले हैं मुलाकात

खबर है कि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात करने वाले हैं। उम्मीद तो यह भी जतायी जा रही है कि इस बैठक के बाद टीडीपी-बीजेपी गठबंधन पर मुहर लग सकती है। तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के एनडीए में शामिल होने की खबरों के बीच पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू दिल्ली के दौरे पर आ रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है। उम्मीद यह भी है कि दिल्ली दौरे पर चंद्रबाबू नायडू केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेंगे। दोनों पार्टियों के साथ आने की बात कितनी आगे बढ़ चुकी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नायडू के दिल्ली दौरे में सीट शेयरिंग पर बात भी हो सकती है। इसके बाद गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है। बता दें कि आंध्र प्रदेश में लोकसभा की कुल 25 सीटे हैं। जो कि चुनाव परिणाम की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। वैसे भी दक्षिण के राज्यों में आंध्र प्रदेश ही वह राज्य है जहां से भाजपा के लिए कुछ सम्भावनाएं बन सकती हैं। ऐसे में टीडीपी से गठबंधन उसके लिए काफी लाभदायक हो सकता है।

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी अखिलेश यादव से नाराज, छोड़ेंगे साथ

सूत्र यह भी बता रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में रालोद की सपा के साथ नहीं बन रही है। खबर है कि रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने भाजपा से मुलाकात की है। रालोद ने भाजपा से कैराना, अमरोहा, बागपत, मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट मांगी थी। भाजपा इनमें से कैराना, अमरोहा और बागपत सीट देने के लिए तैयार है। मथुरा व मुजफ्फरनगर सीट पर पेंच फंसा है। रालोद भाजपा के साथ आता है तो उम्मीद है एनडीए गठबंधन में उसको मंत्रिपद भी मिलने की संभावना है।

बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव रालोद से गठबंधन की घोषणा कर चुके हैं। सीटें चिह्नित करने और सपा की ओर से तीन सीटों पर रालोद के चुनाव निशान पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की शर्त पर पेच फंस गया।

सपा चाहती है कि कैराना, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में प्रत्याशी सपा का हो, जो रालोद के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे। रालोद नेताओं ने कैराना और बिजनौर सीट पर सपा के प्रत्याशियों को देने पर सहमति भी दे दी थी। लेकिन मुजफ्फरनगर और हाथरस सीट को लेकर दोनों दलों के बीच दूरियां बन गईं।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

यह भी पढ़ें: ICC U-19 WC: छठे विश्व कप खिताब के करीब Young India, फाइनल में किससे भिड़ेगी, फैसला आज