झारखंड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने सोमवार को विश्वासमत हासिल कर लिया। मत विभाजन में चम्पाई सोरेन सरकार के पक्ष में जहां 47 विधायक ने अपना समर्थन दिया, वहीं विपक्ष में 29 विधायक थे। मत विभाजन से पहले विधानसभा में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन का अभिभाषण हुआ जिसमें उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार की अब तक की उपलब्धियों के बारे में बताया तथा बताया कि सरकार की राज्य के लिए क्या-क्या योजनाएं हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने विश्वासमत का प्रस्ताव सदन में रखा और सदन को सम्बोधित किया।
सीएम चम्पाई सोरेन ने सदन को बताया कि आज जो विश्वासमत साबित करने की जो नौबत आयी है, वह क्यों आयी है। इसके लिए उन्होंने विपक्ष को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह विपक्ष द्वारा सरकार को अस्थिर करने की का प्रयास था। उसी का नतीजा है कि राज्य के मुख्यमंत्री रहे हेमंत सोरेन आज सलाखों के पीछे हैं। यह विपक्ष और केन्द्र सरकार की साजिश है। जबकि हेमंत सोरेन ने चार साल अच्छे से राज्य को चलाया। उन्होंने हेमंत सोरेन की तारीफ करते हुए कहा कि जब उनकी सरकार बनी तभी राज्य में कोरोना आ गया। लेकिन उन्होंने तभी राज्य को अच्छे से सम्भाला। लॉकडाउन लगा तो बाहर रह रहे मजदूरों को हवाई जहाज से झारखंड लाया। दवाओं से लेकर खाने-पीने तक किसी बात की कमी नहीं होने दी। राज्य जब अच्छे से चल रहा था तब विपक्ष को यह सहन नहीं हुआ और उन्होंने जनादेश प्राप्त हेमंत सोरेन की सरकार को गिराने का प्रयास शुरू कर दिया। केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया और हेमंत सोरेन पर झूठे आरोप में फंसा दिया।
चम्पाई सोरेने ने कहा कि हेमंत हैं तो हिम्मत है। उन्होंने कहा- मैं गर्व से कहता हूं मैं हेमंत सोरेन पार्ट 2 हूं। हेमंत सोरेन ही आदिवासियों-मूलवासियों के सच्चे हितैषी है। हेमंत सोरेन ने ही आदिवासी-मूलवासी की बात को समझी। हेमंत ने आदिवासियों की जरूरतों को समझते हुए उनकी जरूरतों के हिसाब से उनके लिए ढेरों काम किये। उन्होंने कहा- मैं शिबू सोरेन का विद्यार्थी हूं और झारखंड के आन्दोलन की उपज हूं। इसलिए मुझे पता है कि झारखंड के लिए क्या करना है। मैं गुरु जी और हेमंत सोरेन जी के दिखाये हुए रास्ते पर चलते हुए झारखंड के लिए जो सही होगा वह काम करूंगा।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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