देश शुक्रवार को अपने गणतंत्र स्थापना का 75वां जश्न मनाने जा रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के अनेक राज्यों-केन्द्र शासित राज्यों की झांकियां शान के साथ भारतीय संस्कृति की छटा दिल्ली के कर्तव्य पर बिखेरेंगी। इन झाकियों में झारखंड की झांकी का अपना अलग की नजारा होगा। जहां कई राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल और दिल्ली की झांकी को गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल नहीं किया गया, वहीं झारखंड की झांकी अपनी विशेष थीम के कारण चयनकर्ताओं को प्रभावित करने में सफल रही। इस बार कुल 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां कर्तव्य पथ पर दिखेंगी। कर्तव्य पथ पर झारखंड की प्रदर्शित होने वाली झांकी में तसर उत्पादन का प्रारूप दिखेगा। पूरे देश में तो झारखंड सबसे ज्यादा 62 फीसदी तसर का उत्पादन तो करता ही है साथ ही यहां का मयूराक्षी ब्रांड पूरे विश्व में विख्यात है। बता दें कि झारखंड देश में सबसे ज्यादा तसर उत्पादन करने वाला राज्य है। झारखंड हर साल औसतन 20 हजार पांच सौ मीट्रिक टन तसर का उत्पादन करता है।
बता दें, पिछले साल गणतंत्र दिवस समारोह में देवघर मंदिर का प्रारूप दर्शाया गया था. जबकि उससे पहले दुमका के मंदिरों के नगर मलूटी को 26 जनवरी की झांकी में शामिल हुआ था। इस साल गणतंत्र दिवस पर शामिल होने वाली झारखंड की झांकी का जब मंगलवार का रिहर्सल हुआ तो झारखंड की झांकी देखते ही बन रही थी। सोहराय और कोहबर पेंटिंग से सजायी गयी झांकी में झारखंड की जनजातीय शक्ति को जीवंत किया गया था। मुख्य समारोह से पहले 23 जनवरी को फाइनल रिहर्सल भी किया गया।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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