घूस लेते पकड़े गए रांची के पूर्व सदर सीओ मुंशीराम मामले की जांच कर सकता है ED, मनी लॉन्ड्रिंग के तहत होगी जांच!

image source: social media

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद एसीबी ने जब अपनी कार्रवाई  तेज की तो राज्य में रिश्वतखोरी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को वर्ष 2025 में 2 जनवरी को पहली सफलता  मिली, जब  एसीबी की टीम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए शिकायत के आधार पर रणनीति बनाकर रांची सदर अंचल के तत्कालीन अंचलाधिकारी मुंशी राम (former CO Munshiram) को गिरफ्तार किया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ED अब रांची  सदर  के तत्कालीन सीओ मुंशीराम (former CO Munshiram) के घूस लेने की मामले की जांच शुरू करने जा रहा है. ACB के द्वारा  मुंशीराम को 37 हजार रू. घूस लेते गिरफ्तार किए जाने के बाद ED इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर सकता है.

दरअसल, जमीन के सीमांकन को लेकर शिकायतकर्ता से मुंशी राम की ओर से 50 हज़ार की रिश्वत मांगी गई थी. लेकिन 37000 में तत्सीकालीन सीओ (former CO Munshiram) मान गए थे. शिकायतकर्ता ने मामले की जानकारी एसीबी को दी. जिसके बाद एसीबी ने एक टीम गठित की  और  37 हजार रुपए घूस लेते हुए मुंशी राम को रंगे हाथों पकड़ लिया गया. मुंशी राम की गिरफ्तारी के बाद उनके आवास की तलाशी भी ली गई. जिसमें 11 लाख 42 हजार भी बरामद किए गए.

ईडी इससे पहले कांके, बड़गाईं और हेहल अंचल में जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रहा है. गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों  में  शहर के कई  चर्चित भूखंडों पर कब्ज़ा और रजिस्ट्री हुई है, इन भूखंडों की डील को लेकर कई प्रशासनिक पदाधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठे थे.

न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार 

ये भी पढ़ें : 4 महीने में करवाएं नगर निगम और निकाय चुनाव, झारखंड हाई कोर्ट का सरकार को आदेश