झारखंड की धमक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दिखायी दी है। यह कमाल किया है झारखंड के प्रशांत कुमार ने। प्रशांत कुमार को यूनाइटेड किंगडम (UK) की कंजरवेटिव पार्टी ने काउंसलर पद का उम्मीदवार घोषित किया है। काउंसलर पद का चुनाव 2026 में होगा। प्रशांत कुमार की यह उपलब्धि न सिर्फ झारखंड बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव की बात है।
कौन हैं प्रशांत कुमार?
प्रशांत कुमार झारखंड को बोकारो जिले से सम्बद्ध रखते हैं और ऐसे परिवार से आते हैं, जिनकी कई पीढ़ियां टाटा ग्रुप से जुड़ी हुई है। भारत में वह भी खुद टाटा स्टील से जुड़े रहे। प्रशांत कुमार की शिक्षा होली क्रॉस स्कूल, घाटोटांड़ (वेस्ट बोकारो) से हुई है। पढ़ाई के दिनों में वह 13 वर्षों तक स्कूल की राजनीति से भी जुड़े रहे। फिर उन्होंने स्कूल प्रेसिडेंट का पद त्यागकर सोशल सर्विस सेल का अध्यक्ष बनने का निर्णय लिया, जिससे वे 400 से अधिक आदिवासी छात्रों को पढ़ाने और उनकी मदद करने में सफल रहे। वे वनवासी कल्याण आश्रम से भी जुड़े और आदिवासी समाज के लिए निरंतर कार्य किया। प्रशांत के अनुसार, उनके परदादा, दादा और पिता टाटा स्टील में कार्यरत थे। उनकी पत्नी लक्ष्मी के पिता, दादा और परदादा भी टाटा स्टील में कार्यरत थे। मुंबई से लंदन जाने से पहले प्रशांत कुमार टाटा समूह में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा से पुराना नाता
बकौल प्रशांत कुमार, वह शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं। वह नियमित रूप संघ की शाखाओं में भी जाते रहे। बेंगलुरु प्रवास के दौरान प्रशांत राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा के बीएल संतोष जैसे नेताओं के सम्पर्क में आये। उन्होंने एक बार उनसे आरएसएस प्रचारक बनने की इच्छा व्यक्त की। संतोष ने उन्हें अपनी मां की अनुमति लेने की सलाह दी, जो उन्हें कभी नहीं मिली। प्रशांत ने डिजिटल फॉर ह्यूमैनिटी सीआईसी नामक एक कंपनी स्थापित की, जो युवाओं, स्टार्टअप्स और उद्यमियों को अपने व्यवसायों को बढ़ाने में मदद करती है। वर्ष 2014 में वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चुनाव अभियान को समर्थन दिया था।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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