सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष के बाद बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और आध्यात्म की महान विरासत है – पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने कहा, “सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष के बाद बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और आध्यात्म की महान विरासत है।”
प्रधानमंत्री ने एक्स पर अपनी एक पोस्ट में लिखा:
“अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ पर समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। सदियों के त्याग, तपस्या और संघर्ष से बना यह मंदिर हमारी संस्कृति और अध्यात्म की महान धरोहर है। मुझे विश्वास है कि यह दिव्य-भव्य राम मंदिर विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि में एक बड़ी प्रेरणा बनेगा।”
प्रधानमंत्री ने गत वर्ष अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद दिए अपने भाषण का एक वीडियो साझा किया। इसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि ये (22 जनवरी 2024) कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं, ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गए। सर्वे भवन्तु सुखिन: ये संकल्प हम सदियों से दोहराते आ रहे हैं। उसी संकल्प को राम मंदिर के रूप में साक्षात आकार मिला है। ये मंदिर मात्र एक देव मंदिर नहीं है ये भारत की दृष्टि, दर्शन और दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। ये भव्य राम मंदिर भारत के उत्कर्ष, उदय, अभ्युदय, विकसित भारत का साक्षी बनेगा।
बता दें कि शनिवार से अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा की वर्षगांठ के अवसर पर तीन दिनों के भव्य कार्यक्रम का शुरुआत हुई है। इस कार्यक्रम में लाखों श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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