अफीम की खेती का नया गढ़ बनी राजधानी रांची, काले सोने की खेती पर प्रहार करने की हुई तैयारी

गृह सचिव और डीजीपी ने उच्च स्तरीय बैठक कर तैयार की योजना और रणनीति

झारखंड में कभी चतरा अफीम की खेती के लिए बदनाम था, लेकिन आज राज्य के कई इलाके इससे बुरी तरह से प्रभावित है। इनमें से खूंटी, सिंहभूम, लातेहार आदि जिलों ने नाम प्रमुखता से लिये जा सकते हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि रांची जिले का भी नाम अफीम की खेती से जुड़ गया है। राज्य और जिला प्रशासन अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए प्रयास करते रहते हैं, लेकिन इस काले कारोबार से जुड़े लोग फिर से इस कारोबार में जुड़ जाते हैं।

झारखंड में इस काले कारोबार पर कैसे नकेल कसी जाये, इसको लेकर गृह सचिव वंदना डाडेल और डीजीपी अनुराग गुप्ता ने शुक्रवार को बैठक की। बैठक में अफीम की खेती को पूरी तरह रोकने लिए दोनों शीर्ष अधिकारियों ने चर्चा भी और सम्बंधित विभागों को हर सम्भव कार्रवाई के निर्देश भी दिये। गृह सचिव और डीजीपी ने विशेष रूप से उन सभी मामलों की समीक्षा की, जिसमें बड़े पैमाने में अवैध मादक पदार्थ बरामद हुए हैं। अवैध मादक पदार्थ का सेवन, खेती, व्यापार की रोकथाम के लिए व्यापक रूप से समीक्षा करते हुए संयुक्त रूप से कई दिशा निर्देश दिये।

गृह सचिव और डीजीपी ने कहा कि अवैध अफीम की खेती की रोकथाम के लिए संबंधित एजेंसी राजस्व विभाग, कृषि विभाग, वन विभाग और पुलिस विभाग सूचना संकलन कर आपसी समन्वय स्थापित करते हुए संयुक्त रूप से कार्रवाई करें। साथ ही अवैध अफीम की खेती किये जाने वाले जमीन (स्थल) सरकारी, रैयती एवं वन भूमि का पता लगाकर आवश्यकतानुसार कठोर कानूनी कार्रवाई करें। रांची और खूंटी जिला अफीम की खेती को लेकर सर्वाधिक प्रभावित जिला हैं।

प्रशासन ने अफीम की खेती पर लगाम लगाने के लिए प्रयास किये जायेंगे उसमें हर स्तर पर सहयोग की अपेक्षा की जा रही है। मानकी, मुण्डा, मुखिया, जनप्रतिनिधियों एवं महिला समिति से सम्पर्क कर उनका सहयोग लेते हुए साथ ही ड्रोन कैमरे का प्रयोग कर वांछित कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गयी है। इतना ही नहीं, अगर थाना प्रभारी प्राप्त सूचना के आधार पर वांछित कार्रवाई नहीं करता है तो उसके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने की भी बात कही गयी है।

बैठक में आईजी अखिलेश कुमार झा, अमोल विनुकांत होमकर, असीम विक्रांत मिंज, पी०आर० नायडू, आयुक्त अंजनी कुमार मिश्रा, डीसी मंजूनाथ भंजत्री, खूंटी डीसी लोकेश मिश्रा, अमित रेणु, राज कुमार मेहता, सुमित कुमार अग्रवाल, खूंटी एसपी अमन कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

रांची में पांच दिनों में 132 एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट की गयी

अफीम की खेती को नष्ट करने का काम पहले से ही चल रहा है। इसमें रांची पुलिस को अपने अभियान में सफलता भी मिली है। पिछले 5 दिनों में 132 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गयी है।

  • 2 जनवरी को बुंडू, सोनाहातु, तमाड़, दशमफॉल, राहे, नामकुम और अनगड़ा थाना क्षेत्रों में 34.5 एकड़ में अफीम की खेती को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट किया गया।
  • 2 जनवरी को ही बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत 15 एकड़, सोनाहातु में 2.5 एकड़, तमाड़ में 3.5 एकड़, दशमफॉल में 12 एकड़, राहे में दो एकड़ और अनगड़ा थाना क्षेत्र में पांच एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गयी।
  • 3 जनवरी को बुंडू, सोनाहातु, तमाड़, दशमफॉल, राहे एवं नामकुम थाना क्षेत्रों में 34 एकड़ में अफीम की खेती को ट्रैक्टर चला कर नष्ट किया गया। इनमें बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत 12 एकड़, सोनाहातु में दो एकड़, तमाड़ में 5.5 एकड़, दशमफॉल में 4.5 एकड़, नामकुम में पांच एकड़ और राहे थाना क्षेत्र अंतर्गत पांच एकड़ शामिल हैं।
  • 4 जनवरी को बुंडू, सोनाहातु, तमाड़ और दशमफॉल थाना क्षेत्रों में 38.5 एकड़ में अफीम की खेती को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट किया गया। इनमें बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत 09 एकड़, सोनाहातु में पांच एकड़, तमाड़ में 25 एकड़ और दशमफॉल थाना क्षेत्र अंतर्गत चार एकड़ शामिल है।
  • 5 जनवरी को बुंडू, सोनाहातु, अनगड़ा एवं दशमफॉल थाना क्षेत्रों में 21 एकड़ में अफीम की खेती को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट किया गया। इनमें
  • बुंडू थाना क्षेत्र अंतर्गत 10 एकड़, सोनाहातु में तीन एकड़, दशमफॉल में चार एकड़ और अनगड़ा थाना क्षेत्र में चार एकड़ शामिल है।
  • 10 जनवरी को नामकुम थाना क्षेत्र के लाली पंचायत अंतर्गत कुदागढ़ा एवं हेसो गांव में कुल करीब चार एकड़ अफीम की खेती को नष्ट किया गया।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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