झामुमो (JMM ) ने 20 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में CRPF जवानों की एंट्री पर सवाल उठाया है. पार्टी के महासचिव और विनोद पांडेय ने इसे लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से इस मामले की जांच कराने और और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. झामुमो ने गंभीर अरोप लगाते हुए कहा कि सीएम से पूछताछ के लिए सीएम हाउस आने से पहले ED अधिकारियों को उनके आग्रह पर सरकार के स्तर सुरक्षा मुहैय्या करायी गई थी. इस दौरान 2000 पुलिस जवानों के अलावा मजिस्ट्रेट भी तैनात की गयी थी. वहां धारा 144 भी लगायी गई थी.केंद्र की जांच एजेंसी के रवैये को लेकर आम लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सीएम हाउस के पास धरना प्रदर्शन किया जा रहा था. इस बीच अचानक CRPF के सैकड़ों जवान बसों में भरकर बिना किसी अनुमति या किसी सूचना के सीएम हाउस में जाने का प्रयास करने लगे और JMM के कार्यकर्ताओं से भी उलझने लगे.
पार्टी के मुताबिक बिना जिला प्रशासन को सूचना दिए ऐसा किया जाना भड़काऊ तो है ही साथ ही गैरकानूनी भी है. JMM ने इसे CRPF का ऐसा करना सोची समझी साजिश का हिस्सा बताया है और इसमें CRPF के IG के भी शामिल होने की बात कही. वे चाहते थे कि जवानों में हिंसक झड़प हो ताकि संवैधानिक तंत्र की विफलता के बहाने यहाँ राष्ट्रपति लगाने की भूमिका तैयार की जा सके . CRPF का इस्तेमाल केंद्र के द्वारा किया गया. पार्टी ने इस मामले उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. साथ ही कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आन्दोलन को बाध्य होने की भी चेतावनी दी है.
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