झारखंड में भी बदल सकती है DGP नियुक्ति प्रक्रिया, जानें क्या कुछ होगा अलग?

DGP Appointment Process

DGP Appointment Process: यूपी, पंजाब, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की तर्ज पर झारखंड सरकार राज्य में भी डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) नियुक्ति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव करने की तैयारी में है. इस बदलाव के तहत, राज्य सरकार अब डीजीपी के पद के लिए योग्य आईपीएस अधिकारी का चयन करने के लिए एक विशेष समिति का गठन करेगी. समिति यह तय करेगी कि झारखंड पुलिस का नेतृत्व कौन करेगा.

नई नियमावली ये हैं मुख्य बिंदु :

– समिति का गठन : डीजीपी के चयन के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो इस पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार का चयन करेगी.

– यूपीएससी की भूमिका कम : इस नई व्यवस्था के तहत, राज्य सरकार को स्थायी रूप से डीजीपी की नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार के कर्मचारी चयन आयोग (यूपीएससी) से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

– अधिकारियों के लिए कम से कम छह महीने का न्यूनतम कार्यकाल : डीजीपी के पद के लिए केवल उन आईपीएस अधिकारियों को ही विचार किया जाएगा जिनका सेवाकाल कम से कम छह महीने शेष हो.

– नियुक्ति की अवधि : डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो वर्षों के लिए होगी.

– सेवा रिकॉर्ड और अनुभव : डीजीपी का चयन अधिकारी के बेहतर सेवा रिकॉर्ड और अनुभव के आधार पर किया जाएगा.

जानें क्या बनाया गया है उत्तर प्रदेश में नियमावली

उत्तर प्रदेश में भी डीजीपी के चयन के लिए एक समान प्रक्रिया अपनाई गई है. वहां एक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इस बदलाव के पीछे मुख्य उद्देश्य डीजीपी के चयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाना है. इससे राज्य सरकार को डीजीपी के पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार का चयन करने में अधिक मदद मिलेगी.

जानें वर्तमान व्यवस्था क्या है?

पहले डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्य सरकार पुलिस सेवा में 30 वर्ष पूरे कर चुके उन अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजती थी, जिनका छह महीने का कार्यकाल शेष हो. यूपीएससी राज्य सरकार को तीन अधिकारियों के नामों का पैनल भेजता था, जिसमें से सरकार किसी एक को डीजीपी बनाती थी.

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