पूरे देश ही नहीं, पूरी दुनिया इस समय क्रिसमस के उल्लास में डूबी हुई है। विशेष कर ईसाई धर्मावलम्बी अपने-अपने तरीके से इस महापर्व का आनन्द उठा रहे हैं। कई संस्थान और प्रतिष्ठान भी आकर्षक तरीके से सजावट कर क्रिसमस के रंग में डूबे हुए हैं। स्कूलों में भी यह त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। क्रिसमस का यह उल्लास मध्यप्रदेश में भी देखा जा रहा है। लेकिन वहां के स्कूलों के लिए एक विशेष आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के अनुसार, बच्चों को सांता बनाने के लिए उनके अभिभावकों की इजाजत लेने जरूरी है।
यह निर्देश बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने जारी किया है। निर्देश के अनुसार, स्कूलों को संस्थान में आयोजित कार्यक्रमों में बच्चों को शामिल करने से पहले अभिभावकों से लिखित अनुमति होना जरूरी है। क्रिसमस के मौके पर अक्सर स्कूलों में बच्चों को सांता क्लॉज की तरह वेषभूषा पहनकर आने का कहा जाता है। कई पैरेंट्स तो खुशी-खुशी अपने बच्चों को सांता क्लॉज बनाने को तैयार हो जाते हैं, पर कुछ अभिभावक अपने बच्चों को सांता क्लॉज बनाने के परहेज करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से यह आदेश जारी किया गया है।
मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूल शिक्षा विभाग समेत तमाम जिलों के कलेक्टरों को यह निर्देश जारी किया है, पत्र में लिखा गया है स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी जरूरी है। बिना अनुमति के छात्र-छात्राओं को कोई विशेष वेशभूषा पहनने को कहा गया तो विद्यालय और संस्था पर कार्रवाई की जाएगी।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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