कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के सवाल का जिला कृषि पदाधिकारी के पास नहीं था जवाब, मंत्री ने कहा- अगली बार तैयारी करके आइएगा

कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की सोमवार को अपने विभागीय अधिकारियों के जवाब से नाराज दिखी. जिला कृषि पदाधिकारियों के पास कृषि मंत्री के सवाल का जवाब नहीं था. कृषि विभाग के द्वारा संचालित योजना और उसके लाभुकों की सही जानकारी देने में जिला कृषि पदाधिकारी फिसड्डी साबित हुए . दरअसल रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में रबी फसल पर राज्य स्तरीय कर्मशाला का आयोजन किया गया था . इस कार्यशाला का उद्देश्य किसानों को रबी फसल की सही जानकारी देना और उन्नत कृषि की ओर कदम बढ़ाना रहा . विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दिखी ने कहा कि कृषि विभाग में काम करना एक बेहतर अवसर है . किसानों से मिलकर जमीनी , हकीकत को जानकर किसानों को सरकार की योजना का लाभ दिया जा सकता है . BAU ने झारखंड की भूमि के अनुसार बीज तैयार किए है जिसका लाभ राज्य के किसानों को दिया जा सकता है . कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने जब कर्मशाला को संबोधित करना शुरू किया.

तो उन्होंने सबसे पहले जिला कृषि पदाधिकारी से विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में सवाल पूछना शुरू किया . बोकारो जिला कृषि पदाधिकारी से इसकी शुरुआत हुई . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की जिला कृषि पदाधिकारी से योजना क्या है और इसके तहत कितने लाभुकों को लाभ मिला . ये जानना चाहती थी , लेकिन सामने से कोई जवाब नहीं मिला . इसके बाद मंत्री ने धनबाद , दुमका , गोड्डा सहित कई जिलों से विभागीय योजना से संबंधित सवाल पूछे . किसी के पास मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं था . मंत्री के सवाल पर हॉल के अंदर सन्नाटा पसरा रहा . वो इस दौरान काफी नाराज भी दिखी . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने यहां तक कह दिया की अधिकारी मक्खी मारने के लिए दफ्तर नहीं आए . इसके साथ ही गोड्डा जिला कृषि पदाधिकारी के कर्मशाला से अनुपस्थित रहने पर शोकॉज करने का निर्देश दिया . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया है कि वो जब भी इस तरह की कार्यशाला में शिरकत करने आए , तो पूरी तैयारी के साथ आए . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि पहले ही विभागीय अधिकारियों को सप्ताह में दो दिन फील्ड विजिट करने का निर्देश दिया गया था . इसे हर हाल में पूरा करना है . 31 दिसंबर तक अलग _ अलग कार्यशाला आयोजित करने का लक्ष्य दिया गया है . उसके बाद 2 से 3 जनवरी तक राज्य कृषि निदेशक तक रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है . इस रिपोर्ट में धरातल पर योजना की हकीकत और लाभुकों की संख्या को विशेष तौर पर अंकित किया जाएगा .