भारत से पहले आदिवासी कार्निडल बनने का पाया सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जब राजधानी दिल्ली में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में लेने जा रहे हैं, ऐसे में आज हमें कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो बहुत याद आ रहे हैं। आदिवासी समुदाय से आने वाले तेलेस्फोर प्लासिडस टोप्पो कैथोलिक चर्च के भारतीय प्रीलेट रहे हैं। वह 1985 से 2018 तक रांची के आर्चडायोसिस के आर्कबिशप थे । इससे पहले कोएडजुटर के रूप में सेवा करने के बाद 1978 से 1984 तक दुमका के बिशप रहे। तेलेस्फोर टोप्पो को 2003 में कार्डिनल बनाया गया था। भारतीय आदिवासी समाज से कॉर्डिनल बनने वाले वह पहले व्यक्ति थे। तेलेस्फोर पी टोप्पो की विद्वता इसी से झलकती है कि वह बहुभाषी थे। सादरी , उरांव (मातृभाषा), हिंदी (आधिकारिक भाषा) के साथ वह अंग्रेजी और इतालवी का भी ज्ञान रखते थे।
तेलेस्फोर पी टोप्पो का आरम्भिक जीवन
तेलेस्फोर पी टोप्पो का जन्म 15 अक्टूबर 1939 को तत्कालीन संयुक्त बिहार चैनपुर (अब झारखंड में) में हुआ था, वह अपने माता-पिता की दस संतानों में आठवीं संतान थे। उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची में शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोम में पोंटिफिकल उरबानियाना विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र का अध्ययन किया। उन्हें 3 मई 1969 को बिशप फ्रांज वॉन स्ट्रेंग द्वारा पुजारी नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें दुमका का बिशप नियुक्त किया गया। 7 अक्टूबर 1978 को आर्कबिशप पायस केरकेट्टा एसजे से उन्हें बिशप का पद मिला। उन्हें 8 नवंबर 1984 को राजधानी रांची का कोएडजुटर आर्कबिशप नियुक्त किया गया। वे 7 अगस्त 1985 को वहां आर्कबिशप बने।
पोप जॉन पॉल द्वितीय ने नियुक्त किया कार्डिनल
टोप्पो को 21 अक्टूबर 2003 को पोप जॉन पॉल द्वितीय द्वारा कार्डिनल-पुजारी बनाया गया था, उन्हें सैक्रो कुओरे डी गेसू एगोनिज़ांटे ए विटिनिया का नाममात्र चर्च दिया गया था। वह भारत से तीसरे कार्डिनल, पहले आदिवासी और पहले आदिवासी भारतीय थे। तेलेस्फोर टोप्पो 2005 के पापल कॉन्क्लेव में निर्वाचक थे जिसने जोसेफ रत्ज़िंगर को पोप बेनेडिक्ट XVI के रूप में चुना था।
पहली बार कोई प्रधानमंत्री कैथोलिक चर्च मुख्यालय कार्यक्रम में भाग लेगा
पवित्र क्रिसमस के अवसर पर बड़ी खबर यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को जब राजधानी दिल्ली में कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में लेने जा रहे हैं यह समारोह सीबीसीआई के मुख्यालय में होगा। ऐसा पहली बार होगा जब कोई प्रधानमंत्री भारत में कैथोलिक चर्च के मुख्यालय में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस दौरान पीएम मोदी कार्डिनल बिशप समेत ईसाई समुदाय के प्रमुख नेताओं से भी बातचीत कर सकते हैं।
बता दें कि कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) की स्थापना 1944 हुई थी। यह देश भर में कैथोलिकों का प्रतिनिधित्व करता है। इससे पहले गुरुवार को पीएम मोदी दिल्ली में केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के आवास पर क्रिसमस समारोह में शामिल हुए थे। समारोह के दौरान उन्होंने ईसाई समुदाय के प्रमुख सदस्यों के साथ मुलाकात भी की।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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