जामताड़ा में चावल तस्करी का बड़ा खुलासा, बांग्लादेश भेजा जा रहा था एफसीआई का चावल

साइबर अपराध के लिए कुख्यात जामताड़ा अब अंतरराष्ट्रीय चावल तस्करी के मामले में सुर्खियों में आ गया है। जामताड़ा जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने बेना स्थित रामेश्वरम राइस मिल में बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में एफसीआई का चावल और बांग्लादेशी पैकेट बरामद किया है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी (DSO) राजशेखर के नेतृत्व में हुई इस छापेमारी में मिल के अंदर ‘रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश’ लिखे बोरे में चावल पैक किया जा रहा था। प्रशासन ने राइस मिल को सील कर दिया है और 32 क्विंटल जन वितरण प्रणाली (PDS) के चावल समेत अन्य सामग्री को जब्त कर लिया है।

सिंडिकेट का पर्दाफाश
जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने बताया कि यह राइस मिल संगठित सिंडिकेट की तरह काम कर रहा था। चावल की तस्करी इतने गुप्त तरीके से की जा रही थी कि आसपास के लोगों को भी इसकी भनक नहीं लगी। जांच में यह सामने आया है कि यहां एफसीआई का चावल अवैध रूप से बांग्लादेश भेजा जा रहा था। इतना ही नहीं, जन वितरण प्रणाली (PDS) के चावल को भी अन्य बोरों में पैक कर बाजार में खपाया जा रहा था।

पुलिस की तत्परता से बड़ा खुलासा
प्रशासन और पुलिस की टीम को पहले से गुप्त सूचना मिली थी कि जन वितरण प्रणाली के चावल का दुरुपयोग हो रहा है। लेकिन छापेमारी के दौरान बांग्लादेशी पैकेट में चावल बरामद होने से प्रशासन भी चौंक गया। इसके पीछे लंबे समय से तस्करी के रैकेट के सक्रिय होने की बात सामने आ रही है।

मिल मालिक ने की उलझने की कोशिश

कार्रवाई के दौरान मिल मालिक संजय परसुराम का और उनके लोगों ने पदाधिकारियों से बहस करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तत्परता से मोर्चा संभाला और स्थिति को नियंत्रित किया। प्रशासन की इस कार्रवाई से पूरे जिले में हड़कंप मच गया है और चावल तस्करी की चर्चा जोरों पर है।

नेपाल से नकली दवा तस्करी में भी था संलिप्त
सूत्रों के अनुसार, इस राइस मिल के मालिक संजय परसुराम का पहले भी अवैध कारोबार में नाम सामने आ चुका है। नेपाल पुलिस द्वारा नकली दवा सप्लाई करने के मामले में इन्हें गिरफ्तार किया गया था। अब चावल तस्करी के मामले में उनके गिरोह का पर्दाफाश होने से बड़े नेटवर्क के उजागर होने की संभावना है।

जिले में मचा हड़कंप, तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत
प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन और पुलिस ने संकेत दिया है कि जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है और सिंडिकेट से जुड़े अन्य लोगों पर भी शिकंजा कसा जाएगा।

लोगों की जान से किया जा रहा था खिलवाड़
जांच में यह भी आशंका है कि तस्करी किए गए चावल में प्लास्टिक चावल भी मिलाया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए घातक है। यह गिरोह वर्षों से लोगों की जान और स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा था। सवाल यह है कि कितने लोगों को नुकसान पहुंचा होगा और किस हद तक यह तस्करी का खेल खेला जा रहा था।

 

प्रशासन की अपील
जिला प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तत्काल प्रशासन को दें ताकि इस तरह के गोरखधंधे को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। इस मामले की गहन जांच जारी है और आने वाले दिनों में बड़ा खुलासा होने की संभावना है।

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