Maiya Samman Yojana : हेमंत सरकार झारखंड की महिलाओं को बड़ा तोहफा देने जा रही है. मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को 1000 के बजाय 2500 रुपये दिए जाएंगे. योजना की चौथी किस्त 11 दिसंबर को जारी की जानी है. हालांकि सरकार ने इसकी घोषणा चुनाव से पहले ही कर दी थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के चलते लोगों को लाभ नहीं मिल पाया था. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकारों की ओर से फ्री में दी जा रही सुविधाओं को लेकर सवाल भी उठाया है. कोर्ट ने पूछा है कि आखिर फ्री की रेवड़ी कब तक बांटी जाएगी? सरकारों की ओर से मुफ्त में दी जा रही सुविधाओं को लेकर सरकारों को जमकर खरी खोटी सुनाई . इधर झारखंड सरकार चुनाव से पहले किये वादों को पूरा करने में जुट चुकी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक के लिए झारखंड में मंईयां योजना को चालू रखने के लिए राज्य सरकार को संसाधनों की कमी नहीं होगी.
12 विभाग से चार हजार करोड़ रु. सरेंडर करा जुटाए पैसे
चुनाव से पूर्व किए गए जन कल्याणकारी योजनाओं (Maiya Samman Yojana) को पूरा करने के लिए हेमंत सरकार बुधवार को विधानसभा में करीब 13 हजार करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसके लिए समाज कल्याण और ऊर्जा मंत्रालय की कई योजनाओं की राशि सरेंडर कर पैसे का प्रबंध किया गया है. चालू वित्त वर्ष में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण 4 माह तक आचार संहिता लगी थी. जिससे कई योजनाओं के पैसे खर्च होने से बच गए. इसका उपयोग नयी योजनाओं में किया जाएगा. बजट में मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के लिए कोई प्रावधान नहीं था. इसलिए समाज कल्याण विभाग ने दूसरे मद का पैसा सरेंडर कर 1000 करोड़ जुटा लिए हैं. मार्च तक इस मद में 5000 करोड़ की जरुरत है. 31 मार्च तक मंईयां सम्मान योजना के लिए 7300 करोड़ की जरुरत है. इसको लेकर सरकार ने पेयजल, ग्रामीण विकास विभाग और खाद्य आपूर्ति समेत करीब 12 विभागों से रूपये सरेंडर कराये हैं. जानकारी के मुताबिक झारखंड ने पिछले कुछ वर्षों में कहीं से कर्ज नहीं लिया है और सरप्लस बजट भी रहा है.
किस विभाग से कितने रूपये कराये गए सरेंडर
जनकल्याणकारी योजनाओं को पूरा करने के लिए सरकार ने पेयजल और ग्रामीण विकास विभाग और खाद्य आपूर्ति समेत करीब दर्जनभर विभागों से 4000 करोड़ सरेंडर कराये हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पेयजल विभाग से 14oo करोड़, ग्रामीण विकास पेयजल विभाग से 900 करोड़ और खाद्य आपूर्ति से 600 करोड़ सरेंडर कराये गए हैं. इसके अलावा योजना, कृषि, आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और जल संसाधन विभाग से भी पैसे सरेंडर कराये गए हैं.
पिछले तीन वर्षों का सरप्लस बजट भी काम आएगा!
सरकार इस योजना (Maiya Samman Yojana) के लिए कोई कर्ज नहीं लेगी और अपने संसाधनों का उपयोग करेगी. साथ ही राज्य सरकार के लिए पिछले तीन वर्षों का सरप्लस बजट भी काम आएगा. ऐसे में कर्ज लेकर रेवड़ी बांटने जैसे आरोप को नयी सरकार ख़ारिज करती नजर आ रही है. यह तय होता दिख रहा है कि कर्ज लिए बगैर भी मंईयां योजना को जारी रखा जा सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस उपलब्धि के पीछे पिछले चार-पांच वर्षों से चले आ रहे वित्तीय सुधारों का व्यापक प्रभाव पड़ा है. इसके तहत राज्य सरकार ने शुरुआत में महंगी दरों पर कर्ज लेना बंद किया और फिर बाद में ओपन मार्केट से कम ब्याज दर पर राशि का प्रबंध कर कर्ज भी चुकाया. गौरतलब है कि चालू वित्तीय वर्ष में18 हजार करोड़ की बाजार ऋण लेने की सीमा है. सरकार ने 3 हजार करोड़ ही कर्ज लिया है. जरुरत पड़ने पर 15 हजार करोड़ तक ऋण ली जा सकती है.
न्यूज़ डेस्क/ समाचार प्लस, झारखंड- बिहार