षष्टम् झारखंड विधानसभा में रविंद्र नाथ महतो फिर स्पीकर का आसान ग्रहण करेंगे, उनके नाम पर मुहर भी लग गयी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक रविंद्र नाथ महतो को दोबारा विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने का फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई इंडी गठबंधन के विधायकों की बैठक में हो गया है। पिछले विधानसभा कार्यकाल में विधानसभा अध्यक्ष पद का कुशल कार्य संचालन का इनाम उन्हें दोबारा जिम्मेदारी प्रदान कर दिया गया है।
रविंद्र नाथ महतो का राजनीतिक सफर
- झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के विधायक नाला विधानसभा क्षेत्र 2005, 2014 और 2019 के बाद 2024 में चार बार झारखण्ड विधानसभा के सदस्य बने हैं।
- झारखण्ड आंदोलन के दौरान रविंद्र नाथ महतो शिबू सोरेन के साथ जुड़ गए और जल्द ही अपने नेतृत्व की गुणवत्ता और सरल व्यक्तित्व के कारण वे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के चर्चित नेता बन गए।
- 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में वे झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े, लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के दिग्गज नेता और नौ बार विधायक रहे विशेश्वर खां से 634 वोटों से हार गए।
- झारखण्ड राज्य बनने के बाद, 2005 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने 30,847 वोटों से जीत हासिल कर पहली बार विधायक बने।
- 2009 के विधानसभा चुनाव में वह भाजपा उम्मीदवार सत्यानंद झा से 3,948 वोटों के अंतर से हार गए।
- 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सत्यानंद झा को 7015 वोटों के अंतर से हराया।
- 2019 के विधानसभा चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सत्यानंद झा को 3,520 वोटों के अंतर से हराकर तीसरी बार विधायक निर्वाचित हुए।
- 2020 में उन्हें सर्वसम्मति से झारखण्ड विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया।
- 2024 में विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार माधव चंद्र महतो को 10,483 मतों के अंतर से हराकर जीता।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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