हेमंत सरकार के लिए आलू बना बड़ी चुनौती, बंगाल ने मुंह मोड़ा, उत्तर प्रदेश बना सहारा!

हेमंत सोरेन सरकार के फिर से सत्ता में आने के बाद जो सबसे पहली और बड़ी समस्या झेलनी पड़ी है वह है आलू की समस्या। दरअसल, पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने अपने राज्य से झारखंड में आलू की आवक को रोक दिया है। बताया जा रहा है कि आलू के कई ट्रक पश्चिम बंगाल और झारखंड के बॉर्डर पर खड़े हैं और खड़े ट्रकों में झारखंड आने वाले आलू सड़ भी रहे हैं।

यह बात सही है कि ममता बनर्जी इंडी गठबंधन में शामिल हैं और उन्होंने तानाशाही रवैया अपनाते हुए यह फैसला किया है। भाजपा उनके फैसले का कड़ा विरोध भी कर रही है, लेकिन इंडी गठबंधन में शामिल होने के कारण झारखंड सरकार ममता बनर्जी को की कड़ी प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। हालांकि झारखंड सरकार पश्चिम बंगाल सरकार से सम्पर्क में जरूर है लेकिन समस्या का समाधान अभी तक नहीं निकला है। ममता बनर्जी ऐसी राजनीतिज्ञ है, जो भले ही किसी गठबंधन में रहें, लेकिन वह अपने मुद्दों की ही राजनीति करती हैं। इंडी गठबंधन के अस्तित्व में आने के बाद एक नहीं, कई बार ऐसा देखा जा चुका है। इसलिए अपने राज्य में आलू की आपूर्ति कम होने के बहाने सप्लाई रोकने की नीति अपनाये हुए हैं।

बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने झारखंड को ही नहीं, ओडिशा को भी आलू की आपूर्ति रोक दी है, जिससे झारखंड में आलू की कीमतें बढ़ गई हैं। समस्या के समाधान के लिए ओडिशा ने 300 ट्रक आलू उत्तर प्रदेश से मंगवाये हैं। ओडिशा ने तो रेलवे के रैक से आलू मंगवाने का भी फैसला किया है। झारखंड में भी कई ट्रक आलू उत्तर प्रदेश से आये हैं, लेकिन झारखंड जैसे बड़े राज्य में आलू की अच्छी खासी खपत को देखते हुए और आवक की जरूरत है।  बता दें की उत्तर प्रदेश आलू के उत्पादन में देश में सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश में 15.89 मिलियन टन आलू का उत्पादन होता है।

आलू की कमी दूर करने के लिए क्या रह रही झारखंड सरकार?

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार आलू की कमी और इसके चलते बढ़ रही कीमतों से चिंतित है। हेमंत सरकार ने उत्तर प्रदेश से आलू की सप्लाई करने का आग्रह किया है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी आलू को लेकर भले ही ‘ममता’ नहीं दिखा रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश झारखंड के साथ ओडिशा को भी आलू की सप्लाई करने का फैसला किया है। झारखंड को आगरा और अलीगढ़ मंडल से आलू की सप्लाई शुरू कर दी गयी है। झारखंड के बड़े व्यापारियों द्वारा सड़क मार्ग से आलू मंगवाना शुरू किया है, जिससे इसकी कीमत पर थोड़ा अंकुश जरूर लगा है। बताया जा रहा है दूसरे राज्यों में सप्लाई के लिए उत्तर प्रदेश के पास सरप्लस आलू है। यानी आलू की आवक जैसे-जैसे बढ़ेगी, वैसे-वैसे कीमतों पर अंकुश लग पायेगा।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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