केंद्र सरकार ने बैंक में मौजूद फर्जी अकाउंट्स पर बड़ा एक्शन लेने जा रही है। माना जा रहा है कि नोटबंदी के फैसले के बाद मोदी सरकार का यह बड़ा एक्शन होगा। बैंकिंग सेक्टर में सरकार के इस कदम से बड़े बदलाव की उम्मीद जतायी जा रही है। सरकार का यह बड़ा कदम है, AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से फेक अकाउंट्स का पता लगाना। यानी केन्द्र सरकार फेक अकाउंट्स का पता लगाने के लिए अब एडवांस टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने जा रही है। इसकी मदद से बैंकिंग फ्रॉड पर तो रोक लगेगी ही, साथ ही बैंक में मौजूद फेक अकाउंट के बारे में भी जानकारी मिल पायेगी।
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को यह फैसला लिया है। वित्त मंत्रालय ने बैंकों और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट में तेजी से बढ़ रही फाइनेंशियल धोखाधड़ी को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के म्यूलहंटर डॉट एआई समेत एआई डिवाइस का उपयोग करने की बात कही है।
सूत्रों से जो जानकारी सामने आयी है, उसके अनुसार, वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू की अध्यक्षता में हुई बैठक में बैंकों से बेहतरीन तरीके को अपनाने, एडवांस डिवाइसों का लाभ उठाने और म्यूल यानी फ्रॉड अकाउंट से निपटने के लिए बैंकों की मदद करने को कहा है।
क्या है म्यूल अकाउंट?
म्यूल अकाउंट एक प्रकार का बैंक अकाउंट है जो व्यापारिक और व्यक्तिगत उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अकाउंट आमतौर पर व्यवसायों और उद्यमियों के लिए उपयुक्त होता है, जो अपने व्यावसायिक लेन-देन के लिए एक अलग अकाउंट रखना चाहते हैं। मगर, इसका गलत तरीके से उपयोग करना सम्भव है। म्यूल अकाउंट्स का उपयोग क्रिमिनल गलत तरीकों से पैसा जुटाने के लिए करते हैं। गुमनाम व्यक्ति इन अकाउंट को ओपन करके इन अकाउंट्स में लोगों से ठगी के पैसों को जमा करवाता है। इन बैंक अकाउंट से मनी ट्रांसफर के बारे में पता लगाना और उसे दोबारा वापस लेना काफी मुश्किल है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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