दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी द्वारा कैंसर के घरेलू उपचार के दावे के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए खूब फटकार लगायी। इतना ही नहीं, उसकी याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया। बता दें कि सिद्धू ने हाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि कुछ घरेलू उपचारों से उन्हों अपनी पत्नी को फोर्थ स्टेज के कैंसर से मुक्ति दिलायी है और वह अब पूरी तरह ठीक हो गयी हैं। उनके इसी दावे के खिलाफ कोर्ट में छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने न सिर्फ याचिका दायर की थी, बल्कि 860 करोड़ का दावा भी ठोंका था। कोर्ट ने यह कहते हुए उसकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि देश में अब भी अभिव्यक्ति की आजादी है।
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने बस अपना विचार व्यक्त किया है और याचिकाकर्ता को भी अपना प्रतिदावा करने का अधिकार है। आप भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उनके दावे पर जवाब दीजिए। अभिव्यक्ति की आजादी का जवाब अभिव्यक्ति की आजादी से दीजिए, न कि कानूनी कार्रवाई या अवमानना के डर से उनकी बोलने की आजादी पर अंकुश लगाकर। इस देश में अब भी बोलने की आजादी है।
इतना ही नहीं, पीठ ने यह भी कहा कि, ‘‘आप यह नहीं कह सकते कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया जाए। आप उनके दावे का जवाब दीजिए। यह हमारा क्षेत्राधिकार नहीं है। यदि आप इस सज्जन के विचारों से सहमत नहीं हैं, तो उनकी बात न सुनें। ऐसी बहुत सी पुस्तकें हैं जो आपको खराब लग सकती हैं, उन्हें न पढ़ें। आपको उन्हें पढ़ने के लिए कौन कह रहा है? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अदालत में लाकर और अवमानना के डर से रोक दिया जाए।
छत्तीसगढ़ सोसाइटी ने क्या कहा था?
छत्तीसगढ़ सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का 40 दिन में कैंसर की चौथी स्टेज को सही करने का दावा किया है, यह बेबुनियाद है लोगों का ऐसे में एलोपेथी दवाइयों से भरोसा उठ सकता है जबकि यह दवाइयां कारगर होती है। सोसाइटी को अंदेशआ है कि इससे कैंसर के मरीजों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा सोसायटी की मांग है कि, सिद्धू इसे लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस पर स्पष्टीकरण दें, क्योंकि इससे बाकी कैंसर मरीज भ्रमित हो रहे हैं। इसके अलावा टाटा मेमोरियल अस्पताल के पूर्व और वर्तमान के मिलाकर कुल 262 कैंसर विशेषज्ञों द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया है कि सिद्धू ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। सिद्धू के कथनों पर भरोसा कर अपने जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। यहां यह बता दें कि नवजोत सिंह की राजनेता पत्नी खुद एक डॉक्टर हैं। और कथित तौर पर उन्हीं का इलाज इस आयुर्वेदिक नुस्खे से हुआ है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने क्या कहा था?
बता दें कि कुछ दिन पहले ही नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि अब मेरी पत्नी (नवजोत कौर) कैंसर से आजाद हो गई हैं। कैंसर को लेकर डॉक्टर ने कम चांस ही दिये थे। उन्होंने प्रेस वार्ता में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा था कि कैसे नवजोत चालीस दिन में कैंसर से जंग जीतकर वापस आ गईं। इसके लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करने और नींबू, कच्ची हल्दी और दालचीनी के सेवन से कैंसर ठीक हो गया, जिससे उन्हें राहत मिली है।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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