सफलता परिस्थितियों की मोहताज नहीं होतीं। वह तो बस अपना रास्ता बनाना जानती है। बिहार के एक ऐसे ही लाल ने न सिर्फ कमाल कर दिया, बल्कि अपने मां-पिता की ‘जिद’ का भी मान रखा। ऐसा ही एक उदाहरण बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर प्रखंड अंतर्गत शिवगंज में देखने को मिला। एक पिता ने ठेले पर अंडा बेचकर, ब्रेड बेचकर अपने बेटे को बेहतर शिक्षा दिलायी। शुरुआत से ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ाया उसके बाद पटना के चाणक्य लॉ कॉलेज में दाखिला दिलाया और अब बेटा पांच साल की पढ़ाई पूरी कर जज बनकर घर लौटा है। बेटे को जज बनकर घर लौटने पर मां की खुशी से आंखों में आंसू आ गये। मां ने रोते हुए अपनी गरीबी की दुखड़ा को बताया है। पहले सुनते हैं उस मां को तो अपने उस मां को सुना मां अपने जीवन से जुड़ी सभी बातों को बता रही थी। अब आपको उस पिता को सुनाते है जो ठेला पर अंडा बेचकर बेटा को पढ़ाया लिखाया और जज बना दिया। मां ने भी जीविका समिति से कर्ज लेकर अपने बेटे को पढ़ाने और बड़ा बनाने में भी पूरा योगदान किया। अब बेटे ने अपने मां-बाप का कर्ज सूद समेत उतार दिया है।
घर के परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने बधाई देते हुए क्या कुछ कहा वो आइए आपको सुनाते हैं।
न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार
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