हेमंत मंत्रिमंडल में शिल्पी नेहा की लगेगी लॉटरी! आखिर क्यों बन गयी हैं तगड़ी दावेदार?

हेमंत सोरेन एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। मोरहाबादी मैदान में भव्य शपथ-ग्रहण की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। हेमंत सोरेन 28 नवम्बर को फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। हेमंत सोरेन के साथ उनके कैबिनेट के मंत्रिगण भी शपथ लेने वाले हैं। कई के नाम तो तय भी हो चुके हैं, कुछ पर संशय की स्थिति है। मंत्रियों के लिए जिन नामों से पर अंतिम मुहर लगेगी, उनमें से एक नाम काफी चौंकाने वाला भी हो सकता है। और यह नाम होगा मांडर से फिर से विधायक बनीं शिल्पी नेहा तिर्की का।

शिल्पी नेहा का नाम इसलिए चौंकाने वाला होगा, क्योंकि इस बार मंत्रियों की लिस्ट में वरीयता के साथ धार्मिक एंगल पर भी ध्यान दिया जायेगा। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडी गठबंधन ने जो भारी सफलता हासिल की है, उसमें अल्पसंख्यकों के साथ ईसाई समुदाय के वोटों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसलिए फिर से सीएम बनने जा रहे हेमंत सोरेन इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि मंत्रियों के उनके कुनबे में कोई ईसाई विधायक न हो।

अब सवाल यह भी उठता है कि आखिर शिल्पी नेहा ही क्यों, कोई दूसरा ईसाई विधायक क्यों नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि वह कांग्रेस कोटे से विधायक हैं। दूसरा वह कांग्रेस के कद्दावर नेता बंधु तिर्की की बेटी हैं। तीसरे यह कि कांग्रेस कोटे से क्रिश्चियन विधायकों राजेश कच्छप और नमन विक्सल कोंगाड़ी की तुलना में उन्हें प्राथमिकता ज्यादा मिलेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों विधायक कैश कांड में नाम आने के बाद दूसरे पायदान पर ही रहेंगे। वैसे झामुमो के कोटे में भी लुईस मरांडी ईसाई विधायक हैं। उनका नाम भी मंत्रियों में सामने आ रहा है। लेकिन हो सकता है कि मंत्रिपद के लिए लुईस मरांडी और सबिता महतो में किसी को एक चुनना पड़े और लुईस मरांडी न चुनी जा सकें तो शिल्पी नेहा का चुना जाना तय मानिये।

एक कारण और भी महत्वपूर्ण है। और वह है रांची लोकसभा क्षेत्र। रांची लोकसभा क्षेत्र में इंडी गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया है। और छह सीटों में से चार सीटें इंडी गठबंधन ने जीती है। इनमें से तीन कांग्रेस ने और एक झामुमो ने। इन तीन सीटों में एक शिल्पी नेहा की भी मांडर सीट है। रांची जिले के कांग्रेस विधायकों राजेश कच्छप और सुरेश बैठा को मंत्रिपद मिलना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। इसलिए शिल्पी नेहा तिर्की का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। क्योंकि हेमंत सरकार को रांची लोकसभा सीट पर पकड़ बनाने रखने के लिए इस क्षेत्र के एक विधायक तो देना बनता है। यहां फिर याद दिला दें कि शिल्पी नेहा तिर्की कांग्रेस के दिग्गज नेता बंधु तिर्की की बेटी हैं। जो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले के कारण चुनाव लड़ने से निलंबित कर दिये गये हैं। लेकिन उनका यह निर्वासन अब खत्म होने वाला है।

न्यूज डेस्क/ समाचार प्लस – झारखंड-बिहार

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